“नरवाई जलाना रोके किसान, पर्यावरण और फसल दोनों की हो सुरक्षा – कलेक्टर सुश्री जैन”
बरसों से चली आ रही नरवाई जलाने की परंपरा अब सिर्फ खेतों के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण और इंसानी जीवन के लिए भी खतरा बनती जा रही है।
इसी गंभीरता को देखते हुए सिवनी जिले की कलेक्टर सुश्री कविता जैन ने किसानों से खास अपील की है – खेतों में नरवाई न जलाएं, बल्कि वैकल्पिक उपायों को अपनाएं।
रबी की फसल कटने के बाद किसानों द्वारा खेतों में बचे अवशेष यानी नरवाई जलाना एक आम प्रक्रिया बन चुकी है,
लेकिन इसके पीछे के नुकसान अब खतरनाक रूप ले रहे हैं।
कलेक्टर सुश्री जैन ने स्पष्ट कहा – नरवाई जलाने से मिट्टी की उर्वरता खत्म होती है, पर्यावरण प्रदूषित होता है, और आसपास के गांवों में सांस की बीमारियां बढ़ जाती हैं।

कलेक्टर ने बताया कि नरवाई प्रबंधन के लिए मल्चर, रोटावेटर जैसी तकनीकें अब ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध हैं।
सरकार की योजनाओं के अंतर्गत इन उपकरणों पर सब्सिडी भी दी जा रही है।
इसके साथ ही प्रशासन द्वारा गांवों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
तो सिवनी प्रशासन की यह पहल सिर्फ एक अपील नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है – ताकि खेत बचे रहें, फसलें सुरक्षित रहें और भविष्य की पीढ़ियों को एक साफ़-सुथरा पर्यावरण मिल सके।