स्थान: नारायणपुर ज़िले में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या हुई 22
इसमें 8 महिलाएं, वरिष्ठ कमांडर सुखलाल कुंजम (₹8 लाख इनाम), आदि शामिल हैं
मुख्यमंत्री ने इसे ‘लौटकर विकास की राह को चुनना’ बताया; अब तक कुल 132 आत्मसमर्पण इस वर्ष
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले में 22 नक्सलियों ने 12 जुलाई 2025 को पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इन पर कुल मिलाकर ₹37.5 लाख का इनाम घोषित था। राज्य सरकार के मुताबिक यह आत्मसमर्पण वर्ष 2025 में अब तक की सबसे संगठित और रणनीतिक उपलब्धियों में से एक है। इससे विकास की राह में बाधक हिंसा को कमजोर करने का संकेत मिलता है।
📌 आत्मसमर्पण की मुख्य जानकारी
विवरण
आँकड़ा
📍 स्थान
नारायणपुर, छत्तीसगढ़
🧍 कुल आत्मसमर्पण
22 नक्सली
👩 महिला सदस्य
8 महिलाएं
💰 कुल इनाम
₹37.5 लाख
🎯 वरिष्ठ कमांडर
सुखलाल कुंजम (₹8 लाख इनाम)
🧠 संगठन
PLGA (People’s Liberation Guerrilla Army), DVCM, LOS सदस्य आदि
🔴 प्रमुख आत्मसमर्पित नक्सली
सुखलाल कुंजम – DVCM स्तर का कमांडर – जंगल कोर्ट, IED ब्लास्ट, पुलिस मुठभेड़ों में शामिल – ₹8 लाख का इनामी
जगत बोटा, मंगली हेमला, बूंदा कुंजाम – LOS कमांडर व IT शाखा से जुड़े – जंगल क्षेत्रों में भर्ती, फंडिंग और ग्रामीण आतंक फैलाने में सक्रिय
8 महिला नक्सली – महिला दस्ते की प्रमुख सदस्य, ग्रामीणों को धमकाने व भर्ती अभियान में शामिल
🎯 आत्मसमर्पण के कारण
कारण
विवरण
🛡️ सुरक्षा बलों का दबाव
लगातार सर्च ऑपरेशन और घेरा-बंदी
📢 सरकार की पुनर्वास नीति
आत्मसमर्पण पर आर्थिक सहायता, सुरक्षा, रोज़गार प्रशिक्षण
🧠 आंतरिक असंतोष
शोषण, लैंगिक भेदभाव, भोजन व इलाज की कमी
📡 मनोवैज्ञानिक अभियान
मोबाइल/मीडिया प्रचार, परिवार के माध्यम से संपर्क
📣 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान:
“ये युवा हिंसा से लौटकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ अब बंदूक नहीं, संवाद और समावेशन की भाषा बोलेगा।”
🧾 वर्ष 2025 में अब तक की स्थिति
प्रकार
संख्या
कुल आत्मसमर्पण (जनवरी-जुलाई)
132 नक्सली
LWE प्रभावित जिले
सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर
कुल इनामी राशि
₹5.5 करोड़+
महिला आत्मसमर्पण
35+ महिलाएं शामिल
🛠️ पुनर्वास की प्रक्रिया
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की नीति के तहत:
₹25,000 से ₹5 लाख तक की आर्थिक सहायता
कौशल विकास प्रशिक्षण (कृषि, निर्माण, वाहन चलाना आदि)
मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग
सुरक्षा और पहचान की गोपनीयता
यदि आवश्यक हो, अन्य राज्य में पुनर्वास विकल्प
📈 इसका असर
क्षेत्र
प्रभाव
सुरक्षा
PLGA संगठनात्मक ढांचा कमजोर
ग्रामीण क्षेत्र
भय का माहौल कम, पुलिस पर भरोसा बढ़ा
विकास
सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण में तेजी
शासन
सरकार की “बस्तर बचाओ – बस्तर बनाओ” नीति को बल
✅ निष्कर्ष
नारायणपुर में 22 नक्सलियों का आत्मसमर्पण एक निर्णायक मोड़ है — यह बताता है कि हिंसा का विकल्प विकास हो सकता है। सुखलाल कुंजम जैसे शीर्ष नेतृत्व के आत्मसमर्पण से हिदमा और बटालियन नंबर 1 जैसे प्रभावशाली ग्रुप अब कमजोर हो रहे हैं। यदि यह सिलसिला जारी रहा तो छत्तीसगढ़ नक्सल-मुक्ति की ओर तेजी से बढ़ सकता है।