कचरा बीनने वाली छत्तीसगढ़ की 85 वर्षीय बिदुला बाई देवार और 600 से अधिक शवों के पोस्टमार्टम में सहयोग करने वाली संतोषी दुर्गा को अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया गया है। बिदुला बाई ने 2021 में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 20 रुपये दान दिए थे। उक्त राशि भले ही सुनने में छोटी लगे लेकिन उनकी भावनाएं का स्तर बहुत ऊंचा था।
रायपुर। कचरा बीनने वाली छत्तीसगढ़ की 85 वर्षीय बिदुला बाई देवार और 600 से अधिक शवों के पोस्टमार्टम में सहयोग करने वाली संतोषी दुर्गा को अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया गया है। बिदुला बाई ने 2021 में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 20 रुपये दान दिए थे। उक्त राशि भले ही सुनने में छोटी लगे, लेकिन उनकी भावनाएं का स्तर बहुत ऊंचा था।
बिदुला बाई ने कचरा बेचकर उस दिन 40 रुपये कमाए थे, जिसमें से आधी राशि दान कर दी थी। गरियाबंद जिले की बिदुला बाई धर्मनगरी राजिम में रहती हैं, जहां भगवान विष्णु का मंदिर है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष शिशुपाल सिंग राजपूत ने बताया कि वह यहां धनसंग्रह व अक्षत अभियान के प्रमुख हैं।
इस तरह से बिदुला बाई नजर में आईं
वर्ष 2021 में मंदिर निर्माण के लिए हो रहे धनसंग्रह के लिए निकली टोलियों को बुलाकर कचरा बीनने वाली बिदुला बाई ने अपनी दिनभर की 40 रुपये की कमाई में से आधी राशि दे दी थी। बाद में समीक्षा बैठक में जब यह अनुभव साझा किया तो विहिप के प्रदेश पदाधिकारियों ने उन्हें विशेष रूप से रामलाल के दर्शन के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया था। इसलिए विहिप के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा सोमवार को उन्हें आमंत्रण देने पहुंचे।
स्वास्थ्यगत कारणों से बिदुला बाई 22 जनवरी नहीं जाएंगी
स्वास्थ्यगत कारणों से बिदुला बाई को 22 जनवरी को तो नहीं, बाद में भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या ले जाया जाएगा। कांकेर जिले के नरहरपुर निवासी 36 वर्षीय संतोषी दुर्गा का जीवन फिल्मी कहानी जैसा है। उनके पिता रतन सिंह सिंदूर अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम हाउस में काम करते थे। ज्यादातर समय शराब पीकर रहने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति और उनके स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा था।
‘बिना शराब पिये पोस्टमार्टम में सहयोग करके दिखाएंगी’
उनकी बेटी संतोषी जब उन्हें शराब पीने से मना करती थीं तो पिता कहते कि बिना शराब पिये कोई पोस्टमार्टम नहीं कर सकता। 2008 में संतोषी ने पिता के सामने शर्त रखी कि वह बिना शराब पिये पोस्टमार्टम में सहयोग करके दिखाएंगी। इस तरह संतोषी ने पोस्टमार्टम में सहयोग शुरू किया। उसे इस बात का दर्द है कि उसके पिता को नियमित नहीं किया गया। वह भी कलेक्टर दर से सफाईकर्मी के पद पर पदस्थ हैं।
उन्हें 18 जनवरी को अयोध्या जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। वह वहां जाकर अपने नियमितीकरण की अर्जी प्रभु श्रीराम के सामने लगाएंगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जिला कार्यकारिणी ने सामाजिक कार्यों को देखते हुए संतोषी को चयन रामलला के दर्शन के लिए किया है।