पुलिस गार्ड और एम्स स्टाफ के बीच विवाद हो गया. एम्स प्रशासन ने निदेशक से दुर्यव्हार करने का आरोप लगाया. दूसरी ओर, पुलिसकर्मी ने आसाराम समर्थकों की आवाजाही की आशंका से वहां पहुंचे एम्स अधिकारियों को टोकना बताया. उधर, वार्ड अटैण्डेंट ने पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा गार्ड को हटाने का आग्रह किया. पत्र में लिखा गया है कि गार्ड वार्ड के अंदर रहते हैं और मोबाइल में व्यस्त रहते हैं.
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में ताउम्र सजा काट रहे आसाराम को तबीयत खराब होने पर 9 जनवरी को एम्स लाया गया था. आइसीयू में भर्ती किया गया. वार्ड के बाहर पुलिस लाइन से तीन पुलिसकर्मियों की गार्ड तैनात है. गार्ड का कहना है कि शाम को एम्स अधिकारी के साथ कई लोग एकाएक आइसीयू में जाने लगे. उन्हें टोका तो विवाद हो गया. इस मामले में बासनी थानाधिकारी जितेन्द्रसिंह का कहना है वार्ड अटैण्डेंट ने पत्र लिखकर गार्ड को हटाने का आग्रह किया है. वहीं, एम्स के पीआरओ डॉ. जीवन विश्नोई ने कहा कि पुलिसकर्मी आईसीयू के अंदर बैठकर मोबाइल चला रहा था. निदेशक के टोकने पर वह बदतमीजी पर उतर आया. वे आशाराम समर्थकों के साथ नहीं बल्कि अस्पताल अधीक्षक, उप अधीक्षक और मेडिकल बोर्ड के साथ आईसीयू में आसाराम की जांच करने गए थे.