रायुपर. नई शिक्षा नीति 2020 को साय सरकार ने लागू करने का एलान किया है, लेकिन चिंता का विषय यह है कि प्रदेश के स्कूलों में अभी भी 60 हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इसकी जानकारी विधानसभा के मुख्य बजट के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने देते हुए शिक्षकों के 33000 पदों पर भर्ती की घोषणा विधानसभा के माध्यम से की थी. उनके इस घोषणा पर आजतक प्रदेश सरकार ने कोई भी पहल नही की है और ना ही उन पदों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. यहां तक कि उन पदों पर भर्ती के लिए अब तक कोई प्रस्ताव भी कैबिनेट में नहीं लाया गया है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड व बीएड संघ के सदस्य रायपुर तूता मैदान पर लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने आज सोमवार को भी एकदिवसीय धरना और विधानसभा का सांकेतिक घेराव किया.
प्रदेश में 6000 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जहां केवल एक शिक्षक हैं और 700 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षक ही नही हैं. ऐसे में नई शिक्षा नीति को लागू कर सरकार छत्तीसगढ़ के भविष्य व छोटे छोटे बच्चों को तमाचा मारने का काम कर रही है.
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हम इस आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण करना चाहते है कि अगर सरकार को छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य की चिंता है तत्काल इन पदों पर भर्ती प्रारम्भ करें. संघ की मांग है कि अविलम्ब 33000 शिक्षकों के पदों पर भर्ती प्रारम्भ हो. शिक्षक व व्याख्यता के पदों में वृद्धि हो, व्यायाम शिक्षक व लाइब्रेरियन के पदों को वृद्धि कर उनके पदों में भर्ती हो, नई शिक्षा नीति अंतर्गत छत्तीसगढ़ी भाषा शिक्षा के लिए इन विषयो में पद सृजित कर पीजी डिप्लोमा धारी की नियुक्ति स्कूलों में कई जाए. 57000 रिक्त शिक्षकों के पदों में भर्ती हेतु कैलेंडर जारी हो, और आरक्षित वर्ग को 5% की छूट दी जाए.
अभ्यर्थी निकले विधानसभा घेराव को, पुलिस बल ने बेरिकेड्स लगाकर रोका
छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड और बीएड संघ के सदस्य तूता मैदान से विधानसभा घेराव करने निकले. घेराव कार्यक्रम को देखते हुए सुरक्षा बलों ने अभ्यर्थियों को 200 मीटर आगे बेरिकेड्स लगाकर रोका. इस दौरान अभ्यर्थी लगातार नारेबाजी करते हुए शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी वित्त मंत्री चौधरी के “केवल 1 प्रतिशत युवाओं को योग्य” कहने वाले बयान का विरोध करते रहे.