रायपुरl शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपी अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी यूपी एसआईटी के बाद अब ईडी के रिमांड पर हैं. बता दें, विशेष अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 अगस्त तक ईडी के रिमांड पर भेजा है. इस दौरान दोनों पूछताछ की जा रही है. मामले में दोनों आरोपियों के गिरफ्तारी के संबंध में ईडी ने कई बड़े खुलासे किये हैं, जिसमें शराब घोटाला के लिए बनाए गए सिंडिकेट, डूब्लीकेट होलोग्राम और अवैध शराब बिक्री के दावे किए गए हैं.
ईडी के बयान में बताया जा रहा है कि अनवर ढेबर ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के साथ मिलकर सिंडीकेट बनाया था. दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की योजना बनाई और अनिल टुटेजा आईएएस के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अनवर ढेबर ने आबकारी विभाग में अपनी पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति की और इस तरह अनवर ढेबर विभागीय मंत्री की हैसियत रखता था. ईडी के मुताबिक, अरुणपति त्रिपाठी ने सरकारी शराब दुकान, जिसे पार्ट-बी कहा जाता है, के माध्यम से बेहिसाब शराब बिक्री की योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभाई. उसने ही 15 जिले, जहां अधिक शराब बिक्री होती थी और राजस्व आता था, उन जिलों के आबकारी अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अवैध शराब बेचने के निर्देश दिए थे. ईडी के अनुसार, एपी त्रिपाठी ने ही विधु गुप्ता के साथ डुप्लीकेट होलोग्राम की व्यवस्था की थी.
शराब घोटाले की जांच में ईडी ने पाया कि घोटाले की वजह से राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ. घोटाले के माध्यम से सिंडिकेट ने 21 सौ करोड़ रुपए से ज्यादा अवैध कमाई की है. शराब घोटाला मामले में ईडी ने घोटाले में शामिल आरोपियों की 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को जब्त किया है, जिनकी कीमत करीब 205.49 करोड़ रुपए आंकी गई है.