सुबोध तिवारी
दुर्ग भिलाई, छत्तीसगढ़ में परंपरा अनुसार गौरी-गौरा विवाह पर्व संपन्न करने के बाद सनातनी शोभा यात्रा के साथ विसर्जन की प्रक्रिया पूरी करते हैं । दुर्ग भिलाई और वैशाली नगर में भी यह प्रक्रिया पूरी की गई जिसमें दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन और पूर्व कांग्रेसी विधायक अरुण वोरा भी अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए,, दुर्ग के शंकर नगर और वैशाली नगर विधानसभा में भी इसी तरह का आयोजन किया गया,, जिसमें लोक गीतों के साथ भगवान शिव-पार्वती के प्रतीक गौरी गौरा की विसर्जन यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए,, इस यात्रा में सुख समृद्धि और कष्टों से मुक्ति के लिए विधायकों ने सोंटे के प्रहार सहने की परम्परा निभाई,, यह शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों से गुजरी।
गुरूवार और शुक्रवार को वैशाली नगर विधानसभा के लगभग 60 गौरी गौरा पूजन आयोजनों में विधायक रिकेश शामिल हुए। दिवाली की आधी रात को गौरी गौरा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा का दौर शुरू हुआ जो अगले दिन तक चला। जहां आधी रात को शुरू हुई पूजा के खत्म होने के बाद शनिवार दिन भर प्रतिमाओं को विसर्जित करने की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान छत्तीसगढ़ के पारंपरिक गड़वा बाज़ा की धुन पर भक्त थिरकते हुए जसगीत गाते विसर्जन के लिए प्रतिमाएं तालाब लेकर गए। गौरा गौरी पूजन के अगले दिन भक्त गाजे-बाजे के साथ गौरा गौरी का विसर्जन नदी और तालाबों में करने निकले। बता दें कि मूलतः यह परंपरा आदिवासी समाज द्वारा शुरू की गई थी लेकिन अब सभी समुदाय और जाति के लोग इसमें भाग लेते हैं,, इस वर्ष शुक्रवार और शनिवार दो दिन यदु वंशियों के द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया।।
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