केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ और ‘विलेख के बदले वक्फ’ शीर्षकों के तहत संपत्तियों की स्थिति 5 मई तक रद्द नहीं की जाएगी और इस अवधि तक केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में कोई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी। इसका संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने केंद्र को वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक सप्ताह के भीतर अपना प्रारंभिक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई की। संजय कुमार एवं न्यायमूर्ति. वी. विश्वनाथन की पीठ के समक्ष गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया। मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र के प्रारंभिक जवाब पर एक सप्ताह के भीतर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए पांच दिन का समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।