देशभर में चर्चा का विषय बनी प्रेरणादायक फिल्म ‘फुले’ अब बीजापुर जिले में भी समाज को जागरूक करने का माध्यम बन गई है।
बीजापुर जिले में गोंडवाना समाज ने अपने समुदाय के लोगों को शिक्षित और प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘फुले’ फिल्म का सामूहिक प्रदर्शन शारदा सिनेमा हॉल में आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य सामाजिक समानता, शिक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना था।

यह फिल्म 19वीं सदी के समाज की उस सच्चाई को उजागर करती है, जब लड़कियों की शिक्षा पाप मानी जाती थी, विधवाओं को अपमानित जीवन जीना पड़ता था और जाति के नाम पर भेदभाव आम बात थी।

महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष किया। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका बनीं और दोनों ने मिलकर पुणे में पहला बालिका विद्यालय शुरू किया।
फिल्म देखने के बाद ग्रामीणों में उत्साह देखा गया। आदिवासी समुदाय के लोगों ने फिल्म से मिली प्रेरणा को साझा किया।