छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस द्वारा उठाए गए हसदेव अरण्य में पेड़ कटाई के मुद्दे का विस्तार से विवरण प्रस्तुत है:
🌳 1. क्या मुद्दा था?
- कांग्रेस विधायकों ने हसदेव अभ्यारण्य (अरण्य) में पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई को मुख्य क्रम में उठाया। भाजपा नेतृत्व वाले राज्य सरकार द्वारा 15,307 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने पर सवाल उठाया गया
- यह अनुमति वन संसाधन पर सीधी सरकार की नीतिगत कार्रवाई मानी गई, जबकि विधानसभा में पहले ही पेड़ों की कटाई रोकने का संकल्प पारित हो चुका था ।

🗣️ 2. कांग्रेस ने क्या किया?
- शून्यकाल (zero hour) के दौरान नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्थगन प्रस्ताव (adjournment motion) लाकर विषय पर खुली चर्चा की मांग की ।
- उन्होंने इसे आदिवासी अधिकार और पर्यावरण संरक्षण का गंभीर मामला बताया।
🎤 3. पूर्व CM भूपेश बघेल का बयान
- भूपेश बघेल ने आरोप लगाया: “कौन सी अदृश्य शक्ति थी जिसने बिना आदेश पेड़ कटने शुरू कर दिए?”
- उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पहले ही कार्रवाई शुरू हो गई, और इससे गोबर खरीद पर असर पड़ा, सिंचाई प्रणाली प्रभावित हुई ।
🧭 4. सदन में हंगामा और स्थगन
- भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह का जवाब देने पर सत्र में गर्माहट बढ़ी।
- स्पीकर ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि यह बजट सत्र में उचित नहीं था
- इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने भीषण नारेबाज़ी की, जिससे सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी ।
🛑 5. निष्कर्ष
यह घटना दर्शाती है:
- कांग्रेस द्वारा विहानामय मुद्दों पर जोर,
- कड़े विरोध और सामूहिक कार्रवाई,
- सरकार द्वारा पर्यावरण और आदिवासी हितों में आचार संहिता के भीतर की जाने वाली रणनीतिक चाल।