🏰 कार्यक्रम का आयोजन
📍 स्थान: राजभवन, छत्तीसगढ़
📅 तिथि: आज (हाल ही में आयोजित)
राजभवन में आज विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई गई। यह पर्व विशेष रूप से देशभर में सृजन, निर्माण कार्यों और कारीगर वर्ग के सम्मान के लिए मनाया जाता है।

🙏🏻 मुख्य आयोजन
🔹 राज्यपाल श्री रमेन डेका और प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने विधिवत पूजा-अर्चना के माध्यम से भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया।
🔸 भगवान विश्वकर्मा को सृजन, निर्माण, वास्तुकला, तकनीकी नवाचार और श्रमिकों का संरक्षक माना जाता है।
🔹 पूजा-अर्चना का उद्देश्य:
✔️ प्रदेश और देशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना।
✔️ शांति, विकास और समृद्धि की कामना।
✔️ श्रमिकों, कारीगरों, तकनीशियनों व इंजीनियरों के लिए आशीर्वाद।

🎉 उपस्थित लोग
✅ राज्यपाल के सचिव – डॉ. सी.आर. प्रसन्ना
✅ राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी भी समारोह में उपस्थित थे।
इस अवसर पर सभी ने मिलकर प्रदेश और राष्ट्र की खुशहाली के लिए विशेष प्रार्थना की।
🌟 राज्यपाल का संदेश
- राज्यपाल श्री रमेन डेका और श्रीमती रानी डेका काकोटी ने सभी प्रदेशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
- उन्होंने कहा कि:
“भगवान विश्वकर्मा की कृपा से सभी निर्माण कार्य सुचारू रूप से चलें और समाज में श्रमिकों की मेहनत को उचित सम्मान मिले।”
- साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि यह पर्व समाज में सृजन, निर्माण व तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण अवसर है।
🌱 महत्वपूर्ण संदेश
✔️ श्रमिकों, इंजीनियरों, वास्तुकारों का योगदान देश के विकास में अहम।
✔️ यह पर्व समाज में समर्पण, ईमानदारी और मेहनत के महत्व को स्थापित करता है।
✔️ राज्य सरकार का प्रयास – सभी निर्माण कार्यों को सुचारू बनाना और श्रमिक वर्ग को सम्मान देना।
👉 सारांश में:
राजभवन में आज विधिपूर्वक विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाई गई। राज्यपाल श्री रमेन डेका और प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर प्रदेश और देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों, कारीगरों, तकनीशियनों और इंजीनियरों के योगदान का सम्मान करना और समाज में निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देना रहा। राज्यपाल ने सभी को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व समाज में समर्पण और मेहनत की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।