यह समाचार छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में संगठन सृजन (Organizational Restructuring) की प्रक्रिया के अंतिम चरण से जुड़ा है। यह प्रक्रिया राज्य में कांग्रेस की नई संगठनात्मक संरचना तय करने, जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति, तथा पार्टी के जमीनी ढांचे को मज़बूत करने के लिए चलाई जा रही है।

आइए इसे विस्तार से समझते हैं —
🔶 पृष्ठभूमि : संगठन सृजन क्या है?
कांग्रेस पार्टी समय-समय पर अपने संगठन को पुनर्गठित (Reorganize) करती है — ताकि
- नए नेतृत्व को मौका मिले,
- कार्यकर्ताओं की भागीदारी बढ़े,
- स्थानीय स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत हो।
इसी क्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (CGPCC) में यह प्रक्रिया पिछले कुछ हफ्तों से चल रही है, और अब यह अंतिम चरण में पहुंच गई है।
🔶 ताज़ा अपडेट (17 अक्टूबर 2025)
- आज रायपुर शहर अध्यक्ष पद के दावेदारों से चर्चा की जा रही है।
- यह बातचीत AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गुडधे के नेतृत्व में होगी।
- पर्यवेक्षक दावेदारों से व्यक्तिगत मुलाकात कर उनकी राय और संगठन के प्रति दृष्टिकोण जानेंगे।
- इस चर्चा में स्थानीय विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी और ब्लॉक कांग्रेस के प्रतिनिधि भी शामिल रह सकते हैं।
🔶 अब तक क्या हो चुका है
- ग्रामीण जिलाध्यक्ष पदों के लिए रायशुमारी पूरी हो चुकी है।
- यानी जिला और ब्लॉक स्तर के संगठन पदों पर कार्यकर्ताओं और नेताओं से सुझाव लिए जा चुके हैं।
- विभिन्न संगठनों, प्रकोष्ठों और मोर्चों (जैसे महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, NSUI आदि) ने भी अपने-अपने सुझाव भेजे हैं।
- अंतिम सूची तैयार करने का कार्य अब रायपुर और कुछ शहरी जिलों तक सीमित रह गया है।
🔶 आगे की प्रक्रिया
- पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गुडधे को 20 अक्टूबर तक अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर AICC को भेजनी है।
- रिपोर्ट में प्रत्येक जिले और शहर के लिए अध्यक्ष पद हेतु अनुशंसित नामों की सूची शामिल होगी।
- इसके बाद AICC और छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी (संभावित रूप से रणदीप सुरजेवाला या उनके प्रतिनिधि) अंतिम अनुमोदन देंगे।
- अनुमोदन के बाद नए जिलाध्यक्षों की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
🔶 रायपुर पर सबकी नजर क्यों?
रायपुर राजधानी और राजनीतिक केंद्र होने के कारण, इसका शहर अध्यक्ष पद अत्यंत महत्वपूर्ण और रणनीतिक माना जाता है।
यह पद न केवल संगठन संचालन बल्कि—
- चुनावी रणनीति,
- जनसंपर्क अभियानों,
- और प्रदेश नेतृत्व के समन्वय में भी प्रमुख भूमिका निभाता है।
इसलिए रायपुर शहर अध्यक्ष पद के लिए कई दावेदार सामने आए हैं, जिनमें पूर्व पार्षद, पूर्व पदाधिकारी और सक्रिय युवा नेता शामिल हैं।
🔶 राजनीतिक महत्व
- आगामी नगरीय और विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस चाहती है कि नए अध्यक्षों की नियुक्ति जल्द हो।
- संगठन सृजन के इस चरण के बाद पार्टी का पूरा फोकस जनसंवाद, सदस्यता अभियान और बूथ प्रबंधन पर रहेगा।
- पर्यवेक्षकों की राय पर आधारित यह चयन प्रक्रिया कांग्रेस में “केंद्रीय नेतृत्व की पारदर्शिता नीति” को भी दर्शाता है।
🔶 अंदरूनी समीकरण और चर्चा
- कुछ जिलों में स्थानीय गुटबाजी और नेतृत्व संघर्ष के कारण निर्णय में देरी हुई थी।
- रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरी जिलों में वरिष्ठ बनाम युवा नेतृत्व की खींचतान भी चर्चा में रही।
- हालांकि, एआईसीसी ने निर्देश दिया है कि “कांग्रेस के पुनर्निर्माण” में योग्य और सक्रिय कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाए।
🔶 संक्षेप में
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का संगठन सृजन अब अंतिम मोड़ पर है।
रायपुर शहर अध्यक्ष के चयन के बाद पार्टी का नया ढांचा लगभग तैयार हो जाएगा।
20 अक्टूबर तक रिपोर्ट एआईसीसी को भेजी जाएगी और इसके बाद
राज्यभर में कांग्रेस के नए जिलाध्यक्षों की घोषणा संभव है।
