एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) की होम डिलीवरी सेवा संचालित करने वाले एचपीसीएल (HPCL), बीपीसीएल (BPCL) और इंडियन ऑयल (IOCL) के गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स (वितरक) ने कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है।
🔹 समस्या का मूल कारण:
- गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि उनका कमीशन सालों से नहीं बढ़ाया गया,
जबकि —- डीजल की कीमतें,
- कर्मचारियों का वेतन,
- बिजली, ऑफिस और वाहन रखरखाव खर्चे
लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
इससे एजेंसी चलाना मुश्किल होता जा रहा है।

⚠️ डिस्ट्रीब्यूटर्स का आंदोलन — तीन चरणों में विरोध
🩸 पहला चरण (वर्तमान में जारी):
- कर्मचारी और डिस्ट्रीब्यूटर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।
- यह सांकेतिक विरोध है ताकि सरकार और तेल कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया जा सके।
- ग्राहक को फिलहाल कोई सेवा बाधित नहीं हो रही है।
🔥 दूसरा चरण — 29 अक्टूबर को
- राज्यभर के जिला मुख्यालयों में शाम 7 बजे मशाल और मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन होगा।
- इसका उद्देश्य है कि आम जनता को भी आंदोलन के बारे में जानकारी दी जाए और सरकार पर दबाव बढ़े।
- इस दिन सिलेंडर वितरण सामान्य रहेगा, लेकिन विरोध के स्वर तेज होंगे।
🚫 तीसरा चरण — 6 नवंबर से “नो मनी, नो इंडेंट” नीति
- “नो मनी, नो इंडेंट” का अर्थ:
वितरक एडवांस पेमेंट स्वीकार नहीं करेंगे,
यानी ग्राहक के भुगतान के बावजूद सिलेंडर बुक नहीं किया जाएगा। - इस नीति के तहत होम डिलीवरी पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी गई है।
- यदि सरकार ने इस बीच समाधान नहीं निकाला, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी।
👉 मतलब:
6 नवंबर से सिलेंडर की आपूर्ति ठप पड़ सकती है, और उपभोक्ताओं को खुद एजेंसी जाकर सिलेंडर लेना पड़ सकता है या फिर लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
📍 छत्तीसगढ़ में असर
- सिर्फ रायपुर जिले में ही 3 लाख से अधिक एलपीजी उपभोक्ता हैं।
- पूरे राज्य में लाखों ग्राहक HPCL, BPCL और IOC की एलपीजी सेवा पर निर्भर हैं।
- अगर होम डिलीवरी बंद होती है तो:
- लोगों को सिलेंडर खुद एजेंसी से लाना पड़ेगा,
- लंबी कतारें और बुकिंग में देरी होगी,
- त्योहार और सर्दी के मौसम में रसोई गैस की कमी की स्थिति बन सकती है।
💬 डिस्ट्रीब्यूटर्स का पक्ष
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन का कहना है —
“कंपनियां हमें कमीशन नहीं बढ़ा रही हैं, जबकि हमारे खर्च दोगुने हो चुके हैं। हम कई बार मांग उठा चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अगर अब भी नहीं सुना गया तो मजबूर होकर सेवा रोकनी पड़ेगी।”
वर्तमान में वितरकों को प्रति सिलेंडर लगभग ₹61–65 तक का कमीशन मिलता है,
जबकि उनकी मांग है कि इसे ₹100 से ₹120 तक किया जाए।
🏛️ कंपनियों और सरकार का रुख
- अब तक तेल कंपनियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान या कमीशन वृद्धि की घोषणा नहीं की गई है।
- मंत्रालय स्तर पर इस मुद्दे पर बैठक की संभावना बताई जा रही है, ताकि 6 नवंबर की हड़ताल टाली जा सके।
- पेट्रोलियम मंत्रालय या O.M.Cs (Oil Marketing Companies) यदि समझौता कर लेती हैं, तो यह संकट टल सकता है।
👥 आपके लिए क्या करना जरूरी है (ग्राहकों के लिए सलाह):
- 🗓️ अक्टूबर के अंत तक सिलेंडर बुक करा लें।
ताकि नवंबर के पहले सप्ताह में दिक्कत न हो। - 🧮 एक अतिरिक्त सिलेंडर (backup) तैयार रखें, खासकर त्योहार या शादी के मौसम में।
- 📱 बुकिंग ऐप या वेबसाइट से स्थिति जांचते रहें — HP Gas, Indane या Bharat Gas पोर्टल पर अपने सिलेंडर का ट्रैक रखें।
- 📞 स्थानीय एजेंसी से संपर्क में रहें — उनसे पूछें कि आपके क्षेत्र में डिलीवरी पर असर पड़ेगा या नहीं।
- 🔔 अफवाहों से बचें — कई बार हड़ताल स्थगित भी की जा सकती है, इसलिए पुष्टि के लिए विश्वसनीय समाचार या सरकारी वेबसाइट देखें।
🔍 सारांश
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| आंदोलन शुरू | 25 अक्टूबर से (काली पट्टी बांधकर काम) |
| दूसरा चरण | 29 अक्टूबर – मशाल/मोमबत्ती प्रदर्शन |
| तीसरा चरण | 6 नवंबर – “नो मनी, नो इंडेंट” और डिलीवरी बंद |
| प्रभावित कंपनियाँ | HPCL, BPCL, IOCL |
| कारण | कमीशन वृद्धि की मांग |
| असर | सिलेंडर की डिलीवरी ठप, उपभोक्ताओं को परेशानी |
| समाधान की संभावना | पेट्रोलियम मंत्रालय से वार्ता जारी |
