रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजे मंत्रालय (महानदी भवन), अटल नगर, नवा रायपुर में आयोजित होगी। यह बैठक प्रदेश की मौजूदा प्रशासनिक और आर्थिक नीतियों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर केंद्रित रहने की संभावना है।

🔹 प्रमुख एजेंडा बिंदु (संभावित चर्चा विषय)
1️⃣ धान खरीदी की अंतिम समीक्षा
- राज्य सरकार की कृषि नीति के अंतर्गत इस वर्ष धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से प्रारंभ हो चुकी है।
- अब तक खरीदी की प्रगति, मिलों में भंडारण व्यवस्था, परिवहन और किसानों को भुगतान से जुड़ी स्थिति पर अंतिम समीक्षा संभव है।
- यह भी चर्चा में रह सकता है कि खरीदी केंद्रों में तौल व्यवस्था, बारदानों की उपलब्धता, और पंजीकृत किसानों की संख्या को लेकर कोई अतिरिक्त निर्देश जारी किए जाएं या नहीं।

2️⃣ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तिथि निर्धारण
- राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र सामान्यतः नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है।
- इस कैबिनेट बैठक में सत्र की तिथियों को अंतिम रूप देने पर चर्चा होने के आसार हैं।
- सत्र में वित्तीय अनुमोदन, पूरक बजट, और विभिन्न विभागों से संबंधित प्रश्नोत्तर एवं नीति घोषणाएं शामिल हो सकती हैं।
3️⃣ जनजाति गौरव दिवस और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संभावित दौरा
- 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जयंती और जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है।
- इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के छत्तीसगढ़ आगमन की संभावना है।
- कैबिनेट में इस कार्यक्रम की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था, और स्वागत समारोह की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी।
- संभवतः जगदलपुर या रायपुर में विशेष राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसके आयोजन स्थल और स्वरूप पर भी विचार किया जा सकता है।
🔹 अन्य संभावित एजेंडे
- औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025–30 का प्रारूप प्रस्तुत किया जा सकता है।
- कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की कुछ नई परियोजनाओं को मंजूरी मिल सकती है।
- शहरी विकास और रोजगार सृजन योजनाओं के लिए बजट पुनर्विनियोजन प्रस्ताव भी रखे जा सकते हैं।
- राज्य में ठंड के मौसम को देखते हुए ऊर्जा मांग और बिजली वितरण व्यवस्था की समीक्षा संभव है।
🔹 बैठक का महत्व
यह साय सरकार की नवंबर माह की दूसरी प्रमुख कैबिनेट बैठक होगी।
राज्य में धान खरीदी और आगामी सत्र की तैयारियों को देखते हुए यह बैठक नीतिगत निर्णयों की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।
विशेष रूप से किसानों, जनजातीय समुदायों और प्रशासनिक विभागों के लिए इसके निर्णय प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकते हैं।
