दंतेवाड़ा। आयरन हिल के 11बी का डैम टूटने से नगर में लौहयुक्त पानी तो जमा हुआ है, जिसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वहीं किसानों को इस काला पानी ने नहीं बख्शा है।
कड़मपाल और पाढ़ापुर के किसानों का कहना है कि एनएमडीसी से कोई सुविधा नहीं मिली सिर्फ खेतों की बर्बादी के अलावा। लालपानी का दंश तो दशकों से किसान झेल रहा है, लेकिन इस बार का काली पानी तो पूरी फसल को ही बर्बाद कर रहा है। यह पानी जिस खेत से होकर गुजर जाएगा, वहां दाना भी पैदा नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि किसानों को मुआवजा नहीं मिलता है, मुआवजा तो मिलता है लेकिन बेहद न्यूनतम दर का। एक हैक्टयर का मुआवजा महज 1300 से 1500 रुपए, यह मुआवजा भी दो से पांच वर्ष में मिलता है।
इतना जहरीला पानी है कि अब नालों में जीवजन्तु तक नहीं बचे हैं। बुजर्ग किसान और भूतपूर्व सरपंच भूसाराम कुंजाम कहते हैं नाला प्रतिवर्ष बड़ा नुकसान पहुंचाता है। जहां से नाला बह रहा है और लोहा पत्थर के टुकड़ों ने पूरी पांच एकड़ जमीन को बर्बाद कर दिया है। अब इस जमीन में कोई भी फसल की पैदावार नहीं ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि इन नालों में कभी पानी साफ और स्वच्छ बहता था। इसी पानी को लोग पीते थे। अब यह पानी पूरी तरह से दूषित है, न तो इंसानों के लिए बचा है और न ही जानवरों के लिए सुरक्षित है। इस बार तो यह पानी लाल नहीं काला हो चुका है। इस पानी में एक मछली भी नहीं बची है। किसानों के खेतों को तो बर्बाद कर ही रहा है जीव जन्तु तक नहीं बच रहे हैं।
पाढ़ापुर पंचायत की महिला सरपंच शांति कुंजाम ने बताया कि सैकड़ों एकड़ जमीन किसानों की बर्बाद हो चुकी है। एनएमडीसी का तटबद्ध टूटने से नगरवासी तो बुरी तरह से परेशान है। शहरवासियों के साथ अच्छा ये है कि इन लोगों की सुध लेने के लिए नेता और अधिकारी दोनों पहुंच रहे हैं। हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। यदि उपेक्षित है तो किसान है। इस घटना को आठ दिन बीत चुके है, लेकिन काई नेता अधिकारी झांकने तक नहीं आया है। लाल पानी प्रभावित तो पंचायत पहले से है, लेकिन इस बार तो जमीन ही बंजर हो रही है। मुआवजा तो बस नाम के लिए दिया जाता है। सच तो ये है यहां पंचायत में रहने वाले लोगों के लिए पीने का शुद्ध पानी तक मुहैया नहीं है।
विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि बाढ़ पीडित किसान हो या नगर का कोई भी व्यक्ति सरकार भेदभाव नहीं करेगी। पढ़ापुर,कड़मपाल और कोड़ेनार पंचायत के किसान इस पानी में प्रभावित हुए है। कलेक्टर को निर्देशित किया है। जल्द से जल्द इन गांव का सर्वे करवाया जाएगा। मुआवजा की दरों में भी बढ़ोत्तरी के लिए चर्चा की जाएगी।