2025 में Microsoft, Google, Amazon, Intel, Infosys समेत 1 लाख+ नौकरियां चली गईं, AI‑फोकस कारण रहा.
2025 में टेक इंडस्ट्री में छंटनी की लहर क्यों आई, इसके पीछे के मुख्य कारण क्या हैं, और इसका असर भारत व दुनिया पर कैसा पड़ा है।
🧨 2025 में बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी की लहर
🧾 मुख्य आँकड़े (Global Layoffs Overview):
| कंपनी | छंटनी संख्या | कारण | 
|---|
| Microsoft | 9,100+ | AI पर फोकस, Azure के री-ऑर्गनाइज़ेशन | 
| Google (Alphabet) | 7,500+ | Bard AI इंटीग्रेशन, टीम स्ट्रक्चर रीसेट | 
| Amazon | 13,000+ | Alexa और क्लाउड सर्विस में ऑटोमेशन | 
| Intel | 6,000+ | PC मार्केट में गिरावट, फैब यूनिट ऑटोमेशन | 
| Infosys | 4,500+ | डुप्लिकेट रोल, AI-बेस्ड डिलीवरी मॉडल | 
 
👉 कुल मिलाकर 1,00,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरियाँ गईं।
🤖 मुख्य कारण: क्यों हुई ये छंटनी?
🔹 1. AI का तेजी से इंटीग्रेशन
- कंपनियाँ अब काम को AI + Automation Tools से करवाने लगी हैं।
 
- उदाहरण: Google ने Bard और Gemini AI को Core Workspace (Gmail, Docs, Sheets) में जोड़ा।
 
- इससे पुराने डेवलपर/QA/Test Automation रोल्स अब कम ज़रूरी हो गए।
 
🔹 2. ओवर-हायरिंग की भरपाई
- 2021–2022 में महामारी के दौरान ज्यादा वर्कफोर्स जोड़ ली गई थी।
 
- अब बाजार स्थिर हुआ है, तो ज़रूरत से ज़्यादा कर्मचारियों को हटाया गया।
 
🔹 3. फोकस शिफ्ट – Cloud से Generative AI तक
- पहले क्लाउड सेवाओं पर फोकस था, अब वह शिफ्ट हो रहा है GPT/LLM मॉडल्स, Copilot, AI assistants की तरफ।
 
- पुराने क्लाउड-सपोर्टिव रोल्स अब कम हो रहे हैं।
 
🔹 4. लागत में कटौती और निवेशकों का दबाव
- Tech कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा, जिससे शेयरधारकों ने खर्च घटाने का दबाव डाला।
 
- मुख्य खर्च मानव संसाधन (HR) पर आता है।
 
🇮🇳 भारत पर असर:
- Infosys, Wipro, TCS जैसी कंपनियाँ नए जॉइनिंग में देरी और कैंपस हायरिंग में कटौती कर रही हैं।
 
- Bengaluru, Hyderabad, Pune जैसे टेक शहरों में 20% से ज़्यादा फ्रेशर ऑफर लेटर होल्ड पर हैं।
 
- NASSCOM के अनुसार, भारत में:
- 25,000+ IT पेशेवरों की जॉब्स 2025 की पहली छमाही में प्रभावित हुईं।
 
- AI/ML Upskilling के बिना अब जॉब सिक्योरिटी खतरे में है।
 
 
💼 छंटनी किन जॉब रोल्स पर सबसे ज़्यादा असर डाल रही है?
| रोल | स्थिति | 
|---|
| QA/Test Engineers | AI Tools से रिप्लेस | 
| Customer Support (Chat/Call) | AI चैटबॉट से प्रतिस्थापन | 
| Junior Backend Devs | कोड ऑटोमेशन से भूमिका कम | 
| HR, Recruitment Ops | Hiring Freeze के कारण घटे रोल | 
 
📈 क्या बढ़ रहे हैं? (Emerging Roles):
| बढ़ते रोल | कारण | 
|---|
| AI Prompt Engineers | LLM आधारित सिस्टम्स में मांग | 
| GenAI Product Managers | नई एआई उत्पादों का निर्माण | 
| Data Privacy Officers | AI डेटा नीति पालन | 
| AI + DevOps Specialists | मॉडलों का तैनाती, सुरक्षा | 
 
🛡️ क्या करना चाहिए – Job Loss से बचाव कैसे करें?
✅ Upskill & Reskill करें:
- Coursera, Udemy, Google Career Certificates से सीखें:
- AI/ML Basics, Prompt Engineering, DataOps, Cloud+AI
 
 
✅ Hybrid Roles पर ध्यान दें:
- जैसे: “AI-enabled QA”, “Prompt-assisted Dev”, “No-code AI builders”
 
✅ Freelancing और Project-Based Platforms पर प्रोफाइल बनाएं:
- जैसे: Toptal, Upwork, Fiverr
 
- कुछ कंपनियाँ अब full-time hiring के बजाय micro-team contracts ले रही हैं।
 
🔚 निष्कर्ष:
| बिंदु | विवरण | 
|---|
| टेक सेक्टर में भारी छंटनी | AI कारण बना, खासकर डेवलपमेंट और सपोर्ट रोल्स में | 
| भारत में प्रभाव | फ्रेशर हायरिंग धीमी, जॉब मार्केट competitive | 
| भविष्य के लिए तैयारी | AI Upskilling अनिवार्य, Adaptability ज़रूरी | 
| उज्जवल पक्ष | नई AI-आधारित नौकरियाँ उभर रही हैं |