भारत सरकार ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के लिए नीति निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। NITI Frontier Tech Hub की रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2035 तक वैश्विक एआई मूल्य का 10-15 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त कर सकता है। इसके लिए एआई को प्रमुख क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, फार्मास्यूटिकल्स, और ऑटोमोटिव में लागू करने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, और जिम्मेदार शासन ढांचे को सुदृढ़ करने की सिफारिश की गई है।
🇮🇳 भारत में एआई नीति निर्माण की दिशा
📊 रिपोर्ट स्रोत:
👉 NITI Frontier Tech Hub की हालिया रिपोर्ट
📅 रिपोर्ट का लक्ष्य: भारत को वैश्विक एआई विकास के केंद्र में बनाना और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
🎯 प्रमुख निष्कर्ष और सिफारिशें:
1️⃣ 🌐 वैश्विक स्थिति:
- भारत के पास 2035 तक वैश्विक एआई मार्केट के 10-15% हिस्से पर कब्जा करने का अवसर है।
- यह आंकड़ा दुनिया में एआई तकनीकों के विस्तार और आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।
2️⃣ 🏦 प्रमुख क्षेत्र जहाँ एआई को लागू करने की सिफारिश:
🔸 बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र (FinTech):
- एआई आधारित चैटबॉट्स, फ्रोड डिटेक्शन सिस्टम्स, और कस्टमर अनालिटिक्स के लिए नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की सलाह।
🔸 फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर:
- दवा खोज, बीमारी का पूर्वानुमान, और रोग निदान में एआई की भूमिका बढ़ाने की रणनीति।
- टेलीमेडिसिन और इमेजिंग एनालिटिक्स में एआई का उपयोग करना।

🔸 ऑटोमोटिव और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट:
- सेल्फ-ड्राइविंग टेक्नोलॉजीज़ और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम्स में एआई को लागू करना।
- पर्यावरण के अनुकूल स्मार्ट सिटी समाधान में योगदान देना।
3️⃣ 🏗️ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता:
- डेटा सेंटर, हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी, क्लाउड कंप्यूटिंग सुविधाओं का विस्तार।
- भारतीय भाषाओं में एआई मॉडलों का विकास ताकि डिजिटल समावेशन सुनिश्चित हो।
- साइबर सिक्योरिटी के उपायों का समुचित विकास।
4️⃣ ⚖️ जिम्मेदार शासन (Governance) और एआई एथिक्स:
- एआई के उपयोग के लिए स्पष्ट नैतिक मानक और दिशानिर्देश तय किए जाएँ।
- यूजर प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाए।
- बायस फ्री मॉडल और पारदर्शी एआई सिस्टम पर जोर।
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में एआई नीति को सही तरीके से लागू करने के लिए एक समन्वित फ्रेमवर्क विकसित करना।
🚀 सरकार की भूमिका:
- संपूर्ण योजना:
भारत सरकार की नीति यह सुनिश्चित करेगी कि एआई केवल विकसित देशों तक सीमित न रहे, बल्कि भारत की सभी सामाजिक और आर्थिक स्तरों तक पहुंचे। - इनोवेशन हब का गठन:
राज्य और केंद्र सरकार मिलकर Frontier Tech Hubs को स्थापित करेंगी जो एआई रिसर्च, स्टार्टअप्स और इनोवेशन को प्रोत्साहित करेंगे। - एआई शिक्षा और कौशल विकास:
नए डिजिटल कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम और एआई पर आधारित कोर्सेज की पेशकश।
विश्वविद्यालयों और टेक्नोलॉजी संस्थानों में एआई सर्टिफिकेशन को बढ़ावा देना।
🌟 अपेक्षित प्रभाव:
✔️ भारत में नए एआई स्टार्टअप्स का उदय।
✔️ स्वास्थ्य, बैंकिंग, स्मार्ट सिटी, और ऑटोमोटिव सेक्टर में एआई के बेहतर समाधान।
✔️ रोजगार के नए अवसर (AI Engineers, Data Scientists, Ethics Consultants आदि)।
✔️ भारत का वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर बढ़ता प्रभाव।
👉 निष्कर्ष:
भारत सरकार ने एआई के क्षेत्र में नीति निर्माण को प्राथमिकता दी है ताकि देश 2035 तक इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बन सके। इस रणनीति के तहत न केवल तकनीकी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा, बल्कि सामाजिक प्रभाव, नैतिकता, और नागरिक सुरक्षा पर भी फोकस किया जाए…