बैज की मांग और उसकी पृष्ठभूमि
- मांग क्या है
- कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार से मांग की है कि बिजली का 400 यूनिट तक का बिल आधा (50%) किया जाए।
- अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानी, तो वे सीएम हाउस का घेराव (प्रदर्शन) करने की चेतावनी दे रहे हैं।
- इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा है कि स्मार्ट मीटर लगाना बंद किया जाए, और जहां पहले से स्मार्ट मीटर है, वहाँ पुनः चेक मीटर लगाकर जाँच की जाए कि मीटर सही रीडिंग दे रहा है या नहीं।
- पृष्ठभूमि — छूट योजना में कटौती
- पहले छत्तीसगढ़ में “हाफ बिजली बिल योजना” के तहत 400 यूनिट तक उपभोक्ताओं को प्रति माह बिजली खपत पर आधी (50%) छूट मिलती थी।
- लेकिन हाल ही में सरकार ने इस छूट को बड़ा संशोधन किया है — अब केवल 100 यूनिट तक की खपत पर ही 50% छूट मिलेगी।
- इस बदलाव को कांग्रेस ने बड़े उपभोक्ताओं (जिनकी खपत बहुत होती थी) पर अन्याय बताया है क्योंकि पहले 100–400 यूनिट के बीच की खपत पर भी उन्हें छूट मिलती थी।
- इसके अलावा बिजली दरों में भी बढ़ोतरी हुई है — कुछ रिपोर्टों के मुताबिक 400 यूनिट तक खपत करने वालों को “50 रुपये तक अधिक देना होगा”।
- राजनीतिक संघर्ष
- बैज ने सरकार के इस कदम को “जनता के साथ धोखा” बताया है, क्योंकि उनकी राय में यह छूट सिर्फ चुनिंदा, कम खपत करने वालों तक सीमित है और अधिक बिजली खपत करने वालों को मोदी/भाजपा सरकार ने राहत से बाहर रखा है।
- विरोध प्रदर्शन की योजना भी बनाई गई है — बैज ने CSPDCL (छत्तीसगढ़ पावर डिस्कॉम) के मुख्यालय के возле प्रदर्शन और संभावित मुख्यमंत्री निवास घेराव की बात कही है।
- वह मांग कर रहे हैं कि 30 नवंबर तक बिजली दरें कम की जाएं और उनकी यह छूट पुनर्स्थापित हो — यह उन्होंने समय सीमा भी रखी है।
- आर्थिक तर्क
- बैज का कहना है कि बिजली बिल में वृद्धि आम जनता की अर्थव्यवस्था को बहुत प्रभावित कर रही है — बिजली का बढ़ा हुआ खर्च परिवारों के बजट पर भारी पड़ रहा है।
- उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि कोयले (बिजली उत्पादन में एक बड़ा घटक) पर सरकार द्वारा लगाया गया सेस कम हो गया है, जिससे कोयले की लागत कम होनी चाहिए थी — और ये बचत बिजली की दरों में प्रतिबिंबित होनी चाहिए थी।
- “VCA (Variable Cost Adjustment)” में कटौती के आधार पर बिजली की दरों को तुरंत घटाने की उनकी मांग है — यानी वे चाहते हैं कि उत्पादन लागत में कमी को बिजली दरों में सीधे रूप से दिखाया जाए और उपभोक्ताओं को रियायती दर मिले।
- जनता पर असर और निष्कर्ष
- यदि 400 यूनिट तक बिल आधा हो जाता है, तो विशेष रूप से वे घर जिनकी मासिक खपत मध्यम-उच्च स्तर पर है, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
- इस तरह की छूट से बिजली उपभोक्ताओं को वित्तीय बोझ से कुछ निजात मिल सकती है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनकी बिजली खपत अक्सर 200–400 यूनिट के बीच होती है।
- राजनीतिक रूप से, बैज की यह मांग कांग्रेस का “जनहितीय” एजेंडा दिखाती है — और यदि प्रदर्शन सफल हुआ, तो यह सरकार पर दबाव बनाएगी।

