बालोद l 23 वर्षीय आदिवासी फुटबॉलर किरण पिस्दा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की टीम को AFC Women’s Asian Cup 2026 के लिए क्वालिफाई करवाया — यह उपलब्धि एक दशक में पहली बार हासिल हुई। किरण की यात्रा बालकोल्ड मैदान से शुरू होकर केरला ब्लास्टर्स और यूरोप तक पहुंची, जिससे पूरे राज्य को गौरव मिला।

बिरसा की बेटी: किरण पिस्दा ने AFC महिला एशियन कप 2026 में भारत की जगह सुनिश्चित की — छत्तीसगढ़ के बालोद की बेटी ने रचा इतिहास
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की 23 वर्षीय आदिवासी फुटबॉलर किरण पिस्दा ने भारतीय महिला फुटबॉल के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत की महिला फुटबॉल टीम ने AFC Women’s Asian Cup 2026 के लिए क्वालिफाई कर लिया — यह एक दशक के बाद हुआ है जब भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के लिए स्थान सुनिश्चित किया है।

🌟 किरण पिस्दा: संघर्ष से सफलता तक
- किरण का जन्म आदिवासी परिवार में हुआ था, जहां खेल को लेकर विशेष संसाधन या सुविधा नहीं थी
- उन्होंने बालोद के बालकोल्ड मैदान में फुटबॉल खेलना शुरू किया, जहां बूट और किट की कमी के बावजूद उनके जज़्बे में कोई कमी नहीं थी
- स्थानीय स्तर पर खेलने के बाद किरण को AIFF (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) कैंप में बुलाया गया
- उन्हें बाद में केरला ब्लास्टर्स क्लब में शामिल किया गया और यहीं से उनके प्रदर्शन ने राष्ट्रीय टीम का रास्ता खोला
- यूरोप में भी उन्होंने प्रशिक्षण और प्रदर्शन के मौके हासिल किए
⚽ AFC एशियन कप क्वालिफिकेशन में योगदान:
- हाल ही में खेले गए क्वालिफाइंग राउंड में किरण पिस्दा ने कई असिस्ट, एक निर्णायक गोल, और फील्ड कवरेज से कोच और दर्शकों को प्रभावित किया
- उनकी गति, तकनीक और सामरिक दृष्टिकोण को टीम इंडिया की बड़ी ताकत के रूप में देखा जा रहा है
- उन्होंने उज़्बेकिस्तान और थाईलैंड के खिलाफ मैच में निर्णायक भूमिका निभाई
🗣️ किरण का बयान:
“मैं यह सफलता अपने माता-पिता, कोच, और उन सभी लड़कियों को समर्पित करती हूं जो छोटे गांवों से हैं और बड़े सपने देखती हैं। मेहनत और आत्मविश्वास से सब कुछ संभव है।”
📢 राज्य और देश में उत्साह:
- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किरण को फोन पर बधाई दी और कहा:
“बिरसा की यह बेटी पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव है। राज्य सरकार उनकी हर तरह की सहायता करेगी।”
- खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा उन्हें सम्मानित करने और आर्थिक प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई है
- बालोद में स्थानीय स्कूलों और पंचायतों ने किरण के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए
🌱 प्रेरणा का स्रोत:
किरण पिस्दा की कहानी यह दर्शाती है कि अगर प्रतिभा को सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो छोटे गांवों से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल सकते हैं। वह आज आदिवासी बेटियों, ग्रामीण युवतियों और खेल प्रेमियों के लिए एक सशक्त प्रेरणा