छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में वित्त विभाग द्वारा लंबित और विवादित पेंशन प्रकरणों की समीक्षा हेतु मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसे डायरेक्टर—पेंशन एवं भविष्य निधि, रायपुर के नेतृत्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न किया गया। बैठक का उद्देश्य इन मामलों को तेजी से सुलझाना और ज़ोनल स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करना था ।

📝 बैठक के मुख्य निर्णय
- डाक्यूमेंटेशन की जांच और सुधार
- पेंशन भुगतान आदेश जारी, लेकिन कोषालय में लंबित
- कई प्रकरणों में PPO (Pension Payment Orders) तो जारी कर दिए गए थे, लेकिन कोषालय स्तर पर आपत्तियों के कारण भुगतान रुका हुआ था।
- बैठक में स्पष्ट किया गया कि दस्तावेज़ पूरे करके, तेजी से निपटान सुनिश्चित किया जाए ।
- सेवानिवृत्ति के पहले अग्रिम तैयारी
- आने वाले दो महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रकरण समय रहते तैयार कर भेजे जाएं, ताकि कोई देरी न हो ।
✅ समयसीमा और जिम्मेदारियां
- 15 जुलाई तक, सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारी महासमुंद को अपने-अपने पेंशन प्रकरणों की स्थिति रिपोर्ट करें।
- विभागीय प्रकरण और आपत्तिकारिक प्रकरण “आभार पोर्टल” पर उपलब्ध हैं—उनका अवलोकन करके नियमित निराकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए ।
🧭 कदम आगे
- बैठक में यह ठोस निर्देश दिया गया कि पेंशन प्रकरणों के निपटान में किसी भी प्रकार की कमी बरती गई, तो अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी।
- अगले दो महीने में ही इन्हीं मामलों की दोबारा समीक्षा बैठक की जाएगी, जिसमें प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
💡 निष्कर्ष
इस बैठक ने यह संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार पेंशन वितरण में देरी और अनियमितता को लेकर गंभीर है, और इसे उत्तरदायित्वपूर्ण तरीके से हल करना चाहती है।
डाक्यूमेंटेशन की समस्या को पहचानकर समयसीमा और जवाबदेही तय करना, भविष्य के पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।