विपक्ष ने इसे लेकर राजस्व मंत्री पर हमला बोला और अंततः वॉकआउट किया। आइए विस्तार से जानते हैं:
⚠️ प्रश्नकाल में उठा राजस्व निरीक्षक परीक्षा का मामला
- भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल उठाए कि राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा में ‘भाई-भाई साथ बैठे’, यानी परीक्षार्थियों के बीच संभावित नकल और अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने पूछा — कब होगी उस पर कार्रवाई, कुल कितने नए अभ्यर्थी शामिल थे, और जायज़ा लेने के बाद क्या कार्रवाई हुई?
- राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि परीक्षा जनवरी 2024 में आयोजित हुई, कुछ महीने बाद अनियमितताएं मिलीं, और सामान्य प्रशासन विभाग की 5 सदस्यीय जांच समिति ने गंभीर गड़बड़ियाँ पाईं — जैसे एक ही परिवार के सदस्य साथ बैठे थे। इसके बाद मामला इओडब्ल्यू (Economics Offences Wing) को सौंपा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ‘जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी’ ।
- ठाकूर ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में पर्याप्त सबूत नहीं बताए गए, लेकिन खोखले औपचारिक कारणों के बजाय जांच पूरी करके दोषियों तक पहुंचना लक्ष्य है ।

🔥 विपक्ष का हंगामा और Walkout
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा कि क्या इस मामले की CBI द्वारा तफ्तीश की जाएगी, क्योंकि सिर्फ इओडब्ल्यू पर्याप्त नहीं है। इससे सदन में तीव्र हंगामा हुआ।
- भाजपा और कांग्रेस के बीच नमक-निगोश हुआ—भाजपा ने CBI जांच पर संदेह जताया, जबकि विपक्ष अभियुक्त बचाने का आरोप लगा रहा था।
- भारी नोक-झोंक के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया, यह संदेश देकर कि बिना ठोस कार्रवाई के शांत नहीं बैठेंगे ।
✅ क्या हुआ तय?
बिंदु | विवरण |
---|---|
अनियमितताएँ | एक ही परिवार के कई सदस्य साथ बैठे |
जांच | 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति → इओडब्ल्यू को मामला सौंपा गया |
वाहवाही | कार्रवाई के वादे, लेकिन कोई तत्काल एफैसिव स्टेप नहीं |
वॉकआउट | विपक्ष का ज़ोरदार संकेत कि वे सिर्फ आश्वासन से संतुष्ट नहीं |
🧭 निष्कर्ष:
यह मुद्दा सिर्फ भर्ती परीक्षा का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और सिस्टम की विश्वसनीयता का टर्निंग पॉइंट बनता जा रहा है।
- विपक्ष स्पष्ट रूप से कह रहा है: शब्द नहीं, कार्रवाई चाहिए — कोई CBI जांच या दोषियों पर पुख्ता कार्रवाई।
- सरकार ने वादे किए हैं, लेकिन इओडब्ल्यू जांच अभी जारी है, और अगले सत्र में स्थिति साफ होगी।