धारसीवां के औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा गांव में पिछले 15 दिन से डायरिया फैला हुआ है। मरीज रोज अस्पताल आ रहे हैं। अस्पताल में भीड़ होने और जगह की कमी से गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया है। जहां मरीजों का प्राथमिक उपचार हो रहा है। जब कैंप में स्थिति नहीं सुधरती तो उन्हें अस्पताल रेफर किया जाता है।
जानकारी के अनुसार सिलतरा में 17 सितंबर से डायरिया फैलना शुरू हुआ। एक ही दिन में 15 से 20 मरीज आने लगे, जिससे अस्पताल में बेड की कमी हो गई। मरीजों की लगातार संख्या बढ़ती देख ग्रामीणों की मदद से गांव में कैंप लगाया गया, जिससे अस्पताल में मरीजों का जाना कम हुआ मगर गंभीर लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
अब तक 100 से ज्यादा हुए बीमार: 15 दिनों में 100 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंचे, जिन्हें डायरिया हुआ था। इसके बाद बीएमओ विकास तिवारी गांव पहुंचे और तत्काल गांव में मुनादी कराई। बीएमओ ने कहा निरीक्षण में समझ आया कि बारिश की वजह से पानी दूषित हो गया है जिसे पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिसे रोकने घर-घर दवाई दी है। सरपंच की मदद से गांव में ही कैंप लगाया गया। जहां स्वास्थ विभाग की टीम की चौबीस घंटे ड्यूटी लगाई गई और प्रारंभिक उपचार कर मरीजों को ठीक करने की व्यवस्था की। ज्यादा गंभीर मरीजों को धरसीवां अस्पताल में भर्ती कराया है। गांव में कैंप लगने के बाद मरीजों की संख्या में लगातार कमी आने लगी।
वहीं खरोरा नगर पंचायत में पानी टंकी में प्रदिर्शत बोर्ड के अनुसार उसकी फरवरी 2022 में सफाई हुई थी। वहीं पीएचई के नियमानुसार उच्च अधिकारियों का कहना है कि हर छह माह से एक वर्ष के भीतर टंकी की सफाई अनिवार्य है। वहीं खरोरा नगर पंचायत की जनसंख्या लगभग 25 हजार है और यहां के 15000 से ज्यादा लोग नल का पानी पीते हैं और उस पर निर्भर हैं। उसकी सफाई न होना बीमारियों को खुला न्यौता देना है। वहीं नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सोनी ने कहा कि अधिकारियों को कहा गया है समय पर साफ -सफाई की जाए व जरूरी चीजों पर उनका ध्यान नहीं है। कांग्रेस सरकार में अफसरसाही हावी है, जो सिर्फ अपने आकाओ की बात सुनते हैं। वहीं नगर पंचायत उपाध्यक्ष पन्ना देवांगन ने कहा कि अध्यक्ष अनिल सोनी का वित्तीय अधिकार चला गया है तो वह जिम्मेदारी भी भूल गए हैं और फोटोबाजी में व्यस्त हैं।