बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने हत्या के एक मामले में इलेट्रानिक साक्ष्य के आधार पर निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले को रद कर दिया है। मामला रायपुर में 2019 में मर्चेंट नेवी के इंजीनियर की हत्या से जुड़ा हुआ है। जांच अधिकारी ने मोबाइल के काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) के आधार पर इंजीनियर की हत्या के मामले में उसकी पत्नी समेत दो अन्य लोगों को आरोपित बनाया था।
निचली अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि टेलीफोन काल केवल संशय पैदा करता है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा है कि संशय खुद साक्ष्य का स्थान नहीं ले सकता। अपीलार्थियों की सशर्त रिहाई का आदेश जारी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि अनुमान या संदेह चाहे कितना भी गंभीर क्यों न हो। प्रबल संदेह, प्रबल संयोग और गंभीर संदेह कानूनी प्रमाण का स्थान नहीं ले सकते।