- ICC ने जुलाई 2025 से ODI में दो गेंदों की वापसी रोककर एक गेंद की प्रणाली लागू करने, साथ ही संकॉशन रिप्लेसमेंट और DRS में नियमों को संशोधित करने की घोषणा की है
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने जुलाई 2025 से कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव की घोषणा की है, जो विशेष रूप से वनडे (ODI) क्रिकेट को प्रभावित करेंगे।

1. वनडे में दो गेंद की प्रणाली खत्म — अब एक गेंद से खेल
अब तक:
- 2011 से ODI में हर एक पारी दो नई गेंदों से खेली जाती थी—एक-एक दोनों सिरों से।
- इसका उद्देश्य गेंद को चमकदार और तेज़ बनाए रखना था, लेकिन इससे रिवर्स स्विंग और स्पिन को नुकसान हुआ।
अब क्या बदला:
- जुलाई 2025 से एक ही गेंद का प्रयोग पूरे 50 ओवर की पारी में किया जाएगा।
- इससे गेंद पुराने रूप में ढल सकेगी (wear & tear), जिससे:
- तेज़ गेंदबाज़ रिवर्स स्विंग का फायदा उठा सकेंगे
- स्पिनर्स को भी अधिक ग्रिप और टर्न मिलेगा
- बल्लेबाज़ी आसान नहीं रहेगी, खासकर आख़िरी 15 ओवरों में
क्यों बदला गया?
- गेंदबाज़ों के लगातार कमजोर प्रदर्शन और बल्लेबाज़ी के अत्यधिक वर्चस्व को संतुलित करने के लिए यह बदलाव किया गया है।
- T20 और ODI दोनों में गेंदबाज़ों को “अनफेयर डिसएडवांटेज” माना जा रहा था।
🧠 2. संकॉशन रिप्लेसमेंट (Concussion Replacement) नियम में विस्तार
अब तक:
- अगर कोई खिलाड़ी सिर पर चोट लगने से आउट हो जाता था, तो उसी तरह का प्लेयर रिप्लेस किया जा सकता था (जैसे बल्लेबाज़-बल्लेबाज़)।
अब नया क्या?
- “लाइन-अप समरूपता” की बाध्यता में ढील दी गई है।
- उदाहरण के तौर पर:
- यदि एक ऑलराउंडर को रिप्लेस किया जाना है, तो एक स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ या बल्लेबाज़ भी शामिल किया जा सकता है।
- मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मैच रेफरी निर्णय देगा।
📺 3. DRS (Decision Review System) में बदलाव
मुख्य बिंदु:
- “Umpire’s Call” की व्याख्या स्पष्ट की गई है और खिलाड़ियों को ग्राफिक जानकारी देने के लिए ऑन-स्क्रीन संकेतों में सुधार किया गया है।
- LBW फैसलों में “impact outside off stump” की परिभाषा में थोड़ी ढील दी गई है:
- अब सीमारेखा से थोड़ा बाहर संपर्क होने पर भी गेंद ट्रैकिंग दर्शा सकेगी कि आउट दिया जा सकता था या नहीं।
📌 अतिरिक्त तकनीकी बदलाव:
नियम | विवरण |
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बॉल ट्रैकिंग फ्रेम रेट | अधिक स्पष्टता के लिए UltraMotion कैमरों की संख्या बढ़ाई गई |
DRS Time Limit | टीमों को अब 15 सेकंड की बजाय 20 सेकंड तक निर्णय लेने का समय |
संवाद प्रणाली | ऑन-फील्ड अंपायर और थर्ड अंपायर के बीच बातचीत अधिक पारदर्शी और सार्वजनिक की जाएगी |
🔍 इन बदलावों के संभावित प्रभाव
क्षेत्र | प्रभाव |
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गेंदबाज़ | रिवर्स स्विंग और पुरानी गेंद के साथ रणनीति का महत्व बढ़ेगा |
बल्लेबाज़ | बल्लेबाज़ों को नई गेंद के बाद तेज़ गति से रन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा |
टीमें | टीम चयन में स्पिनर्स और डेथ ओवर गेंदबाज़ों का महत्व बढ़ेगा |
दर्शक | अधिक रोमांचक मुकाबले, विकेटों की संख्या में संभावित वृद्धि |
📅 लागू तिथि:
1 जुलाई 2025 से ये सभी बदलाव सभी अंतर्राष्ट्रीय वनडे मुकाबलों में अनिवार्य रूप से लागू होंगे।
T20 और टेस्ट क्रिकेट के लिए इनका आंशिक या अलग संस्करण लागू होगा, जिसकी घोषणाएँ अगस्त में होने की संभावना है।