इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक का समापन ऊर्जा, उत्साह और चुनौतियों के साथ हुआ। इस बार खेलों ने ग्रामीण प्रतिभाओं को उभारने में बड़ी भूमिका निभाई, वहीं मैदान से लेकर व्यवस्थाओं तक कुछ कमियाँ भी उभरकर सामने आईं।
🏆 ओवरऑल चैंपियन: जगदलपुर ब्लॉक
लगातार दमदार प्रदर्शन के साथ जगदलपुर ब्लॉक ने इस बार ओवरऑल चैंपियनशिप अपने नाम की।
तगड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता और खेल कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।

- कुल 1999 खिलाड़ी इस आयोजन में शामिल हुए।
- बस्तर के ग्रामीण अंचलों से आए प्रतिभाशाली युवक-युवतियों को बड़ा मंच मिला।
- यह प्रतियोगिता अनेक नए खिलाड़ियों के लिए पहचान बनाने का अवसर साबित हुई।
- मैदानों की खराब स्थिति
- असमान सतह, अपर्याप्त सुविधाएँ
- तकनीकी समर्थन की कमी
जैसी समस्याएँ प्रमुख रूप से दिखीं। - पीने के पानी की कमी
- समय पर फर्स्ट एड टीम न पहुंचना
- स्कोरिंग और रेफरी संसाधनों में तकनीकी कठिनाइयाँ
इन बाधाओं ने कई मुकाबलों की गति और शेड्यूल को प्रभावित किया। - यह पारदर्शी,
- समयबद्ध
- और बिना मध्यस्थता वाला
तरीका साबित हुआ। - तीरंदाजी में ग्रामीण युवाओं की सटीकता ने प्रभावित किया।
- एथलेटिक्स में उभरते रफ्तार के सितारों ने ध्यान खींचा।
- रस्साकशी में टीमवर्क और फिटनेस का शानदार प्रदर्शन दिखा।
- सलोनी बघेल
- अस्तिपाल
- मदन
इन खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत मुकाबलों में उम्दा प्रदर्शन कर अपनी टीम और ब्लॉक की प्रतिष्ठा बढ़ाई। - लगातार बदलते शेड्यूल
- मैच टाइमिंग में देरी
- तकनीकी उपकरणों की कमी
- सभी मैदानों की विस्तृत समीक्षा होगी
- तकनीकी सुविधाएँ बढ़ाई जाएंगी
- खिलाड़ियों के लिए लॉजिस्टिक्स, आवागमन और विश्राम की बेहतर व्यवस्था की जाएगी
- खिलाड़ियों का अनुशासन
- खेल भावना
- और दर्शकों का समर्थन
ने आयोजन की शोभा बढ़ाई। - बस्तर में प्रतिभा भरपूर है,
- लेकिन उसे निखारने के लिए उच्च-स्तरीय मैदान,
- बेहतर प्रशिक्षण शिविर,
