मध्य प्रदेश l मप्र राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव का बयान… इवीएम के बाद अब पेपर लेस बूथ के माध्यम से चुनाव पर विचार…लोकतंत्र की प्रयोगशाला हैं पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन…मप्र के सिवनी जिले के पेंच में आयोजित हुई राज्य निर्वाचन आयुक्तों की नेशनल कांफ्रेंस में दिया बयान….

मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव ने राज्य निर्वाचन आयोग की 31वीं नेशनल कांफ्रेंस में कहा कि… राज्य निर्वाचन आयोगो द्वारा कराये जाने वाले पंचायत एंव नगरीय निकाय निर्वाचन लोकतंत्र की प्रयोगशाला और परिक्षण स्थली हैं…पूरी दुनिया और साथ ही भारत का यह अनुभव है कि जब भी निर्वाचन संबधी कोई महत्वपूर्ण प्रयोग होते हैं तो सबसे पहले स्थानीय निर्वाचनों में होते हैं…

जब महिलाओं को प्रतिनिधि सस्थाओं में आरक्षण का विचार आया तो सबसे पहले पंचायतों और स्थानीय निकायों में इसे लागू किया गया…. मध्यप्रदेश में तो निकायों में पहले 33 प्रतिशत और बाद में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है…. इसकी जितनी स्वीकार्यता पिछडे कहे जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में हुई उतनी वरिष्ठ स्तरों पर अभी भी नही हो पाई… उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन लोकतंत्र की नींव हैं….

यह चुनाव पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता से कराना हम सबकी जिम्मेदारी है…इस चुनाव के माध्यम से नागरिक सीधे शासन और निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनते हैं….उन्होंने ऑनलाइन वोटिंग पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रयोग पहली बार एस्टोनिया में किया जा चुका है…. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के मद्देनजर यह जरूरी है कि हम चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रक्रिया में बदलाव करते रहें….

चुनावी खर्च कम करने के उद्देश्य से राज्यों के बीच इवीएम शेयरिंग होना चाहिए….उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयुक्त उनके राज्य में किए गए नवाचारों को साझा करेंगे….इससे अन्य राज्यों में भी उसे लागू किया जा सकेगा… कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता असम के राज्य निर्वाचन आयुक्त आलोक कुमार ने की….

इस दौरान विभिन्न राज्य निर्वाचन आयोग के नवाचारों को समाहित कर लिखी गई पुस्तक एक्स-चेंज @ एक्स-पीरियंस इनीशिएटिव -2025 का विमोचन किया गया,, मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने स्थानीय निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया में पेपरलेश बूथ प्रणाली तथा इंटरग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाने की कार्ययोजना पर प्रजेंटेशन दिया…. उन्होंने बताया कि पेपरलेश बूथ प्रणाली में डिजिटल टूल्स अपनाने से स्थानीय निर्वाचन प्रक्रिया सरल होगी।
सभी डाक्यूमेंटेशन डिजिटल होंगे तथा मानवीय भूल की संभावना भी कम होगी…. डिजिटल टूल्स का उपयोग होने से चुनाव में लगने वाले कर्मियों की संख्या में कमी आएगी तथा चुनाव खर्च भी कम होंगे…. कार्यक्रम में आन्ध्रप्रदेश निर्वाचन आयोग की आयुक्त नीलम साहनी द्वारा स्वचलित लोकल बॉडी इलेक्शन प्रक्रिया पर प्रेजेंटेशन दिया गया….उन्होंने इलेक्ट्रोरल रोल मैनेजमेंट, पोल मैनेजमेंट के ऑटोमेशन प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए अन्य आयुक्तों के साथ समस्या एवं सुधार की सम्भावनाओं पर चर्चा की….
कार्यक्रम में विभिन्न राज निर्वाचन आयोग के आयुक्तों ने निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए…. राज्य निर्वाचन आयोग त्रिपुरा द्वारा राज्य में स्थानीय निर्वाचन प्रक्रिया पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन किया गया… कॉन्फ्रेंस में तीन और चार मार्च को भी विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञ प्रेजेंटेशन देंगे…