1️⃣ आयोजन का उद्देश्य
- मुख्य उद्देश्य: युवाओं को स्वस्थ और नशामुक्त बनाना।
- स्थान और विस्तार:
- रायपुर में दौड़ तेलीबांधा तालाब से शुरू होकर सुभाष स्टेडियम में समाप्त हुई।
- बिलासपुर में दौड़ सीएमडी कॉलेज मैदान से प्रारंभ होकर रीवर-व्यू रोड में समाप्त हुई।
- भागीदारी: देश के 75 शहरों में यह दौड़ आयोजित की गई। रायपुर और बिलासपुर में लगभग 20,000 खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया।

2️⃣ उद्घाटन और अतिथि विवरण
- उद्घाटन: उप मुख्यमंत्री और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव ने झंडा लहराकर दौड़ का शुभारंभ किया।
- प्रतिभागी:
- प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी
- मंत्रीगण: गुरू खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा
- छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव

- मुख्य संदेश:
- युवाओं को खेल से जोड़कर नशे से दूर रखना।
- युवा स्वस्थ, समर्थ और आत्मविश्वास से भरे रहें।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल के तहत युवा शक्ति को तैयार करना।
3️⃣ पुरस्कार वितरण
- पुरुष वर्ग:
- अर्जुन राय — प्रथम स्थान (₹25,000)
- अक्षय कुमार — द्वितीय स्थान (₹15,000)
- चंद्रप्रकाश — तृतीय स्थान (₹10,000)
- महिला वर्ग:
- वंशिका पटेल — प्रथम स्थान (₹25,000)
- रूख्मणि साहू — द्वितीय स्थान (₹15,000)
- चंचल यादव — तृतीय स्थान (₹10,000)
- चतुर्थ–दसवें स्थान: क्रमशः ₹5,000 और ₹2,000 की पुरस्कार राशि।
4️⃣ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ियों का सम्मान
- कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर, हॉकी, फुटबॉल और वॉलीबाल खिलाड़ी शामिल।
- प्रमुख खिलाड़ी: रुस्तम सारंग, मृणाल चौबे, किरण पिस्दा, दीपेश सिन्हा।
- उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सभी खिलाड़ियों को मंच पर अग्रिम पंक्ति में स्थान देकर सम्मानित किया।
- अन्य सम्मानित खिलाड़ी: हितेश निर्मलकर, प्रवीण कुमार, पलक नाग, राकेश कुमार, मानो ध्रुव, पंडुराम, मानबती बघेल, मनीष मौर्य, अमृत, चुम्मन सिंह, रूपाली साहू, सुनील मोडियाम, सरिता बघेल, अनिरूद्ध, भुनेश्वरी निषाद, दामिनी सिंह।
5️⃣ सारांश और महत्व
- युवा जागरूकता: खेल के माध्यम से नशामुक्त और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा।
- भागीदारी: हजारों युवाओं ने उत्साह और जोश के साथ दौड़ में भाग लिया।
- समाज और संस्कृति: राज्य स्तर पर युवा शक्ति को प्रेरित करने के लिए खेल और सामाजिक कार्यक्रमों का संयोजन।
- पुरस्कार और सम्मान: प्रदर्शन और उपलब्धियों को मान्यता देकर युवाओं को प्रेरित किया गया।

