उत्तर प्रदेश lहाथरस में ऑनलाइन बेटिंग के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना पीयूष मित्तल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह चूड़ी वाली गली का रहने वाला है। पूछताछ में उसने पुलिस को ठगी करने का पूरा तरीका बताया। गैंग के तार दूसरे प्रदेशों में भी जुड़े हैं।12.50 करोड़ की प्रॉपर्टी के बैनामे और दस्तावेज बरामद, फरार आरोपियों की तलाश
पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। प्रिया शर्मा पत्नी शिवम शर्मा निवासी सीयलखेड़ा ने पुलिस से शिकायत की थी कि पीयूष मित्तल और विकास कुमार शर्मा ने उसके पति को आईपीएल और ऑनलाइन गेमिंग में करोड़ों रुपए जीतने का लालच दिया।
इस तरह उन्होंने 30 लाख रुपए हड़प लिए और मकान का बैनामा भी अपने नाम करा लिया। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई थी और पुलिस ने इस गैंग के सरगना पीयूष मित्तल को पकड़ लिया था। पीयूष मित्तल का मिर्च का गोदाम भी है। पुलिस ने जब पीयूष से पूछताछ की तो उसने की खुलासे किए। एसपी चिरंजीवी नाथ सिन्हा के अनुसार आरोपी से 3.18 लाख रुपए नकद बरामद हुए हैं।

अलावा 18 रजिस्ट्रीकृत बैनामा मिले हैं। इनमें मकान, कृषि भूमि और प्लॉट शामिल हैं, जिनकी कीमत करीब 12.50 करोड़ रुपए है। पुलिस ने 2 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन और 3 आधार कार्ड भी बरामद किए हैं। इनमें से 2 आधार कार्ड फर्जी हैं। पूछताछ में पीयूष ने बताया कि वह मास्टर एप दिल्ली, जयपुर या पश्चिम बंगाल से लेता है। इसे रानी तिवारी के नाम से चलाता है।
वह लोगों को आईडी-पासवर्ड देता है और उनसे अकाउंट में पैसे डलवाता है। जमा राशि पर 5 प्रतिशत एक्स्ट्रा कॉइन मिलते हैं। खिलाड़ी शुरुआत में एक-दो बार जीतते हैं, लेकिन बाद में लगातार हारते जाते हैं। अगर कोई पैसे नहीं देता, तो पीयूष उसकी प्रॉपर्टी का बैनामा अपने या परिजनों के नाम डरा धमका कर करा लेता है।

पीयूष के साथ उसकी मां पूनम और पत्नी ज्योति के नाम से भी कई बैंक अकाउंट हैं। पकड़े जाने से बचने के लिए वह फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करता था। पीयूष के कब्जे से 18 रजिस्ट्रीकृत बैनामा मिले। उसने इस धंधे से करोड़ों रुपए कमाए और काफी लोगों की प्रॉपर्टी भी अपने नाम करा ली।