आज रायपुर में धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण में भक्ति की भावना उस समय चरम पर पहुंच गई जब छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका एवं राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने महाकालीबाड़ी विश्वनाथ मंदिर, पंडरी (रायपुर) में जाकर माता जगतधात्री की विधिवत पूजा-अर्चना की।
🕉️ पूजन कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
- यह पूजा माता जगतधात्री उत्सव के अवसर पर आयोजित की गई थी, जो बंगाली समुदाय के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है।
- राज्यपाल और प्रथम महिला ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर माता की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलन किया और पुष्प, धूप एवं नारियल अर्पित कर राज्य की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की।
- मंदिर में उपस्थित पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा संपन्न कराई।
- राज्यपाल दंपति ने इस अवसर पर माता के प्रतीक रूप में “अन्नपूर्णा एवं शक्ति की आराधना” के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
🕍 मंदिर का वातावरण और उपस्थित जनसमूह
- इस अवसर पर पूरा मंदिर परिसर दीयों, पुष्पमालाओं और पारंपरिक अलंकरणों से सुसज्जित था।
- मंदिर में धुनुची नृत्य, ढाक की धुन, और सांस्कृतिक भक्ति संगीत से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
- सैकड़ों श्रद्धालु इस दौरान पूजा में शामिल हुए और राज्यपाल दंपति के साथ माता के दर्शन किए।
👥 मंदिर समिति की उपस्थिति
- मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री दिप्तेश चटर्जी एवं अन्य पदाधिकारी —
श्री अनिर्बाण मुखर्जी, श्री सुभाष दे, श्रीमती कविता चटर्जी और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। - समिति ने राज्यपाल दंपति का पारंपरिक ‘उत्तरीय और पुष्पमाला’ पहनाकर स्वागत किया।
- श्री चटर्जी ने बताया कि यह उत्सव छत्तीसगढ़ में बंगाली समाज की धार्मिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
🙏 राज्यपाल का संदेश
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा —
“माता जगतधात्री समस्त सृष्टि की पालनहार हैं। उनकी कृपा से राज्य में शांति, समृद्धि और एकता बनी रहे, यही कामना करता हूँ। यह उत्सव हमारी भारतीय परंपरा की जीवंतता और विविधता का प्रतीक है।”
राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती रानी डेका काकोटी ने भी माता से महिलाओं के सशक्तिकरण और परिवारों में सुख-शांति की प्रार्थना की।
🌼 जगतधात्री पूजा का महत्व
- जगतधात्री पूजा बंगाली समाज का एक प्रमुख उत्सव है, जो देवी दुर्गा के एक रूप की उपासना का प्रतीक है।
- मान्यता है कि जब महिषासुर का वध करने के बाद देवी दुर्गा ने संसार के पालन का कार्य संभाला, तब वे जगतधात्री (विश्व को धारण करने वाली शक्ति) के रूप में पूजित हुईं।
- यह पर्व शक्ति, धैर्य और समर्पण की भावना को प्रकट करता है।

पूरे आयोजन में धार्मिक सौहार्द, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
राज्यपाल दंपति की उपस्थिति ने श्रद्धालुओं का उत्साह और बढ़ा दिया और यह कार्यक्रम रायपुर के धार्मिक आयोजनों में एक स्मरणीय अध्याय बन गया।

