अभिनेत्री और सिंगर शहनाज़ गिल (Shehnaaz Gill), जो बिग बॉस 13 के बाद से इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन चुकी हैं, इन दिनों अपनी नई पंजाबी फिल्म “Ikk Kudi” (एक कुड़ी) को लेकर सुर्खियों में हैं।
फिल्म के प्रमोशन के दौरान उन्होंने शादी, मातृत्व और महिलाओं के भविष्य पर खुलकर बात की, जिसने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी।

🎥 फिल्म प्रमोशन के दौरान पूछा गया सवाल
इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि
“लड़कियों के लिए शादी की सही उम्र क्या होनी चाहिए?”
तो शहनाज़ ने बहुत आत्मविश्वास से और व्यावहारिकता के साथ जवाब दिया —
“मुझे लगता है 30 या 31 साल। चाहो तो शादी करो या मत करो — लेकिन एग्स फ्रीज करा लो। मैंने खुद प्लान किया है कि मैं ऐसा कुछ करूंगी, लेकिन अभी समय नहीं मिला है।”
🧬 एग फ्रीजिंग क्या है और क्यों करवाई जाती है?
शहनाज़ ने जिस “एग फ्रीजिंग” का ज़िक्र किया, वह एक मेडिकल प्रोसेस है, जिसमें महिला अपने अंडाणुओं (eggs) को कम उम्र में ही संरक्षित करवा लेती है ताकि भविष्य में, जब वह माँ बनना चाहे — तब वही अंडाणु IVF (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया के ज़रिए उपयोग किए जा सकें।
इसका फायदा यह है कि:
- महिला करियर या जीवन के अन्य लक्ष्यों पर पहले ध्यान दे सकती है।
- उम्र बढ़ने के बाद भी युवा अंडाणुओं से प्रेगनेंसी की संभावना अधिक रहती है।
- मातृत्व का फैसला तब लिया जा सकता है जब मानसिक और आर्थिक रूप से तैयारी हो।

💬 शहनाज़ का नज़रिया
उनका बयान पारंपरिक सोच से थोड़ा हटकर है — उन्होंने कहा कि हर लड़की को अपने जीवन और शरीर पर स्वयं निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।
उनका संदेश स्पष्ट था कि:
“शादी ज़रूरी नहीं है — लेकिन अगर आप भविष्य में माँ बनना चाहती हैं, तो वैज्ञानिक तरीकों के जरिए अपनी योजना सुरक्षित कर सकती हैं।”
यह बात उन्होंने बहुत सहज और सामान्य ढंग से कही, जिससे कई युवतियों ने सोशल मीडिया पर उनकी सोच की तारीफ की।
👩💼 फैंस और सोशल मीडिया रिएक्शन
- ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर यूज़र्स ने कहा कि “शहनाज़ बहुत प्रैक्टिकल और प्रोग्रेसिव सोच रखती हैं।”
- कुछ लोगों ने इसे “महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में जागरूक कदम” बताया।
- वहीं कुछ ने पारंपरिक नज़रिए से असहमति भी जताई, लेकिन कुल मिलाकर अधिकांश प्रतिक्रियाएँ सकारात्मक रहीं।
🌟 ‘Ikk Kudi’ फिल्म से जुड़ा संदर्भ
फिल्म “Ikk Kudi” में शहनाज़ एक ऐसी युवती की भूमिका निभा रही हैं जो अपने सपनों और समाज की उम्मीदों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती है।
इसलिए इंटरव्यू में मातृत्व और शादी जैसे विषयों पर उनकी बात उसी भावनात्मक पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई थी — यानी महिलाओं की “अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने” की सोच।
🧩 निष्कर्ष
शहनाज़ गिल का यह बयान सिर्फ एक पर्सनल प्लान नहीं, बल्कि आज की नई पीढ़ी की सोच का भी प्रतीक है —
“महिलाएं अब जीवन के हर फैसले में अपने लिए सोचने लगी हैं — चाहे वो करियर हो, शादी हो या मातृत्व।”
उनका “एग फ्रीजिंग” वाला बयान इस विचार को सामने लाता है कि
माँ बनना एक खूबसूरत निर्णय है — लेकिन यह तभी होना चाहिए जब महिला खुद उसके लिए तैयार हो, न कि समाज के दबाव में।
