Stock Market Today: सोमवार (21 जुलाई) को ट्रेडिंग सेशन की हल्की तेजी के साथ शुरुआत हुई. लेकिन बाजार फिर सपाट ट्रेडिंग करते हुए नजर आए. इसके बाद एक झटके में सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी देखी गई. लेकिन पूरे दिन का कारोबार देखें तो लगातार दो दिन गिरने के बाद बाजार में रौनक लौटती दिखी. प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निचले स्तरों से शानदार रिकवरी के साथ दिन की ऊंचाई पर बंद हुए. सेंसेक्स 442 अंक ऊपर 82,200 पर बंद हुआ. निफ्टी 122 अंक ऊपर चढ़कर 25,090 पर बंद हुआ. बैंक निफ्टी 669 अंक ऊपर 56,952 पर बंद हुआ. करेंसी मार्केट में रुपया 15 पैसे कमजोर होकर 86.30/$ पर बंद हुआ.
अगर गेनर्स/लूजर्स की बात करें तो Nifty bank, Nifty metal इंडेक्स में बड़ी तेजी थी, तो Nifty FMCG और Nifty oil & Gas में बड़ी गिरावट नजर आई. आईटी और FMCG इंडेक्स पर भी बिकवाली दिख रही थी. निफ्टी पर Eternal +3.5%, HDFC Life +1.6% चढ़ा. Wipro -2.8% और HCL tech -1.3% की गिरावट थी. मिडकैप/स्मॉलकैप शेयरों में MRPL -6.3%, Epack durable -6.7% और Rossari biotech -5.3% गिरे थे. वहीं, Mastek +7.3% की तेजी पर बंद हुआ.
सुबह 10:30 बजे के आसपास सेंसेक्स 345 अंकों की तेजी के साथ 82,102 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था. निफ्टी 82 अंकों की तेजी के साथ 25,050 के आसपास ट्रेड कर रहा था. वहीं, ICICI Bank, HDFC Bank जैसे शेयरों में जमकर खरीदारी होने के चलते बैंक निफ्टी 480 अंकों की तेजी के साथ 56,763 के आसपास चल रहा था. ओपनिंग में सेंसेक्स में 30 अंकों की तेजी के साथ ट्रेडिंग हो रही थी. वहीं. निफ्टी 25,000 के नीचे ट्रेड कर रहा था. बैंक निफ्टी में 235 अंकों की तेजी थी. सेंसेक्स 161 अंक ऊपर 81,918 पर खुला. निफ्टी 31 अंक ऊपर 24,999 पर खुला. बैंक निफ्टी 275 अंक ऊपर 56,558 पर खुला. करेंसी मार्केट में रुपया 7 पैसे कमजोर 86.21/$ पर खुला.

अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील की चर्चाएं, मेटल की कीमतों में तेजी, बड़े बैंकिंग और कॉर्पोरेट नतीजे, साथ ही विदेशी निवेशकों की बिकवाली—ये सभी फैक्टर बाजार की चाल तय करेंगे. संसद सत्र की शुरुआत और IPO लिस्टिंग भी निवेशकों की नजरों में रहेंगी.
भारत-अमेरिका डील पर अधूरी तस्वीर
भारत और अमेरिका के बीच पांचवें चरण की बातचीत पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक ट्रेड डील का कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने साफ किया है कि भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा. इस अनिश्चितता का असर वैश्विक सेंटीमेंट पर दिख सकता है.