🏛️ बैठक का आयोजन और उद्देश्य
केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री श्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत में खेल संस्कृति को और सशक्त बनाना और युवाओं को खेल से जोड़ना था। इसमें विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और नीति निर्माता शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने मुंगेली कलेक्टोरेट से ऑनलाइन माध्यम से इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श हुआ:

⚽ 1. नई युवा कल्याण योजना की रूपरेखा
- ‘खेलो इंडिया’ योजना की तर्ज पर नई युवा कल्याण योजना को शुरू करने पर चर्चा हुई।
- उद्देश्य:
✔️ युवाओं को खेलों से जोड़ना
✔️ खेलों में व्यापक सहभागिता बढ़ाना
✔️ खेल क्षेत्र में अवसर सृजित करना
🏫 2. खेल विश्वविद्यालय एवं प्राधिकरण के विस्तार पर विचार
- हर राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना पर जोर दिया गया, ताकि उच्च शिक्षा में खेल विशेषज्ञता को बढ़ावा मिले।
- खेल प्राधिकरण ऑफ इंडिया (SAI) के क्षेत्रीय केंद्रों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया गया।
🧱 3. खेल अधोसंरचना का सुधार और बजट प्रावधान
- खेल स्टेडियम, मैदान, जिम आदि के रखरखाव और मरम्मत के लिए विशेष बजट आरक्षित करने की बात की गई।
- एकीकृत डिजिटल स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म विकसित करने की भी योजना बनाई गई, जिससे खेल से जुड़ी सभी गतिविधियाँ, प्रशिक्षण, और खिलाड़ियों का डेटा डिजिटल रूप से व्यवस्थित किया जा सके।
🏅 4. खेल प्रतिभाओं का चयन और प्रोत्साहन
- नवोदय विद्यालय एवं एकलव्य विद्यालयों में विशेष फोकस के माध्यम से प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे लाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- खेल कोटे के माध्यम से सरकारी सेवाओं में नियुक्त खिलाड़ियों को केवल खेल संबंधी जिम्मेदारियां सौंपने की सिफारिश की गई।
➡️ इससे उनकी विशेषज्ञता का सही उपयोग होगा और नए खिलाड़ियों के अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा।
🧑🏫 5. खेल प्रशिक्षकों की स्किल डेवलपमेंट
- SAI (Sports Authority of India) के रीजनल सेंटर्स में प्रशिक्षकों की कोचिंग स्किल तथा ज्ञान को लगातार उन्नत करने पर जोर दिया गया।
- प्रशिक्षकों को आधुनिक प्रशिक्षण तकनीकों से लैस करने के लिए विशेष कोर्स व ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया गया।
📚 6. स्कूलों व कॉलेजों में खेल गतिविधियों की व्यवस्था
- राज्य सरकार और केंद्र सरकार के स्कूलों में खेलों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा विकसित करने की आवश्यकता बताई गई।
- खेल स्टाफ की भर्ती को सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया।
- सभी स्कूल और कॉलेज में नियमित खेल गतिविधियां संचालित करने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया गया।
🎯 7. खेल नीति और मॉनिटरिंग
- व्यवस्थित खेल नीति बनाने का सुझाव दिया गया ताकि नीति स्पष्ट रूप से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर सके।
- खेल अधोसंरचना की मॉनिटरिंग के लिए भी प्रभावी कार्ययोजना बनाकर निरंतर समीक्षा सुनिश्चित की जाए।
👥 उप मुख्यमंत्री के साथ मौजूद वरिष्ठ अधिकारी
- अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा पाण्डेय तिवारी
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा
- एसडीएम श्री अजय शतरंज
✅ निष्कर्ष
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने खेल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कई ठोस सुझाव दिए। उनका मुख्य फोकस था:
- खेल प्रतिभाओं को उचित अवसर देना
- खेल कोटे का सही उपयोग
- इंफ्रास्ट्रक्चर का सुदृढ़ीकरण
- डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास
- प्रशिक्षकों का कौशल उन्नयन
- स्कूलों- कॉलेजों में खेल संस्कृति का समावेश
इन प्रयासों से राज्य और देश में खेल को एक मजबूत आधार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।