कारोबारl1 अक्टूबर से लागू होने जा रहे हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ के नए नियम, पिछले महीने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने डाकघरों के जरिए खोले गए मौजूदा पब्लिक प्रोविडेंट खातों को सुव्यवस्थित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे.
पीपीएफ नियमों में नए बदलाव नाबालिगों के नाम पर खोले गए पीपीएफ खातों, एक से अधिक पीपीएफ खातों और डाकघरों के जरिए राष्ट्रीय बचत योजनाओं के तहत अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के पीपीएफ खातों के विस्तार से संबंधित हैं.
नाबालिगों के नाम पर खोले गए पीपीएफ खातों के लिए संशोधित नियमों के अनुसार, नाबालिगों को 18 वर्ष की आयु तक डाकघर बचत खाते (पीओएसए) की तरह इन खातों पर ब्याज मिलता रहेगा.
ऐसे खातों की परिपक्वता अवधि की गणना नाबालिग के वयस्क होने की तिथि से की जाएगी. यानी वह तिथि जिससे व्यक्ति खाता खोलने के लिए पात्र हो जाता है.
बैंक में निवेशक के प्राथमिक खाते पर योजना दर के अनुसार ब्याज मिलेगा. हालांकि, शर्त यह है कि जमा राशि वार्षिक अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए.
यदि दूसरे खाते में शेष राशि है, तो उसे प्राथमिक खाते के साथ जोड़ दिया जाएगा, बशर्ते कुल राशि वार्षिक निवेश सीमा के भीतर रहे.
दोनों खातों को जोड़ने के बाद, प्राथमिक खाते पर मौजूदा योजना की ब्याज दर लागू होगी. दूसरे खाते में किसी भी अधिशेष राशि पर 0% ब्याज दर से प्रतिपूर्ति की जाएगी.
लोकप्रिय वित्तीय साधन PPF केंद्र सरकार द्वारा समर्थित सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) एक लोकप्रिय वित्तीय साधन है, जिसे निवेशकों को आकर्षक दीर्घकालिक लाभ प्रदान करते हुए बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.