हेल्थ l भारतीय भोजन की थाली चावल के बिना अधूरी है। सिंपल दाल-चावल और खिचड़ी से लेकर पुलाव या बिरयानी को लोग बड़े चाव से खाते हैं। कुछ लोगों का तो खाना बिना चावल खाए पूरा नहीं होता। हम में से ऐसे कई लोग हैं, जो रोटी से ज्यादा चावल खाना पसंद करते हैं। लेकिन कई बीमारियों में चावल का सेवन नुकसानदायक माना जाता है। खासतौर पर, डायबिटीज के मरीजों को अक्सर चावल न खाने की सलाह दी जाती है। कई लोगों का ऐसा मानना होता है कि चावल खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
डायटिशियन अबर्ना माथीवानन बताती हैं कि डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इसके कारण शरीर में ब्लड शुगर का स्तर अनियंत्रित तरीके से बढ़ सकता है। ऐसे में, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर चावल की बात की जाए, तो इसमें कार्बोहाइड्रेट काफी अधिक मात्रा में होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि डायबिटीज के मरीजों को चावल को पूरी तरह से अपनी डाइट से बाहर निकाल देना चाहिए। डायबिटीज के मरीज चावल का सेवन कर सकते हैं, बशर्ते इसकी मात्रा, प्रकार और सेवन के तरीके का ध्यान रखा जाए।
डायबिटीज के मरीजों को सफेद चावल का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए। दरअसल, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, जिसका मतलब है कि यह जल्दी से बचता है और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज का जोखिम 11% तक बढ़ जाता है। ऐसे में, यदि सफेद चावल का जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए, तो टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर को कम करने वाले चावल……
ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा, ब्राउन राइस में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में मदद करता है।