बालोद l इस खुशी के मौके पर तीन महीने की ड्यूटी के बाद जब वीणा अपने गांव लौटीं, तो पूरे गांव ने उनका भव्य स्वागत किया.एक किसान पिता और मां के साथ उसकी बेटी की आंखें भी नम हो गईं. पिता ने कहा, ‘ये आंसू खुशी के हैं. खुशी इसीलिए की बेटी लेफ्टिनेंट बन गई है. परिवार सहित गांव का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
’बालोद जिले के जमरूवा गांव के रहने वाले किसान चेतन साहू की बेटी वीणा साहू ने मिलिट्री में जाने का जो सपना देखा था, वह पूरा हो गया है. उन्होंने जीवन के बड़े मुकाम को हासिल कर लिया. अब वो मिलिट्री अस्पताल अंबाला में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्य कर रही है. देश के जवानों और उनके परिवारवालो को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही है. वीणा साहू तीन माह की ड्यूटी के बाद छुट्टियों में घर आई तो पूरे गांव ने उसका स्वागत किया. खुद प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने उनसे फोन पर बात करते हुए उनकी जमकर तारीफ की है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस बेटी पर गर्व है. बालोद जिले के ग्राम जमरूवा के किसान परिवार की बेटी वीणा साहू ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट नर्सिंग अफसर बनकर समूचे छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है. फोन पर बिटिया वीणा से बात कर उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और उत्साहवर्धन किया. बेटियां हमारा स्वाभिमान हैं, छत्तीसगढ़ की शान हैं. वीणा की यह उपलब्धि प्रदेश के असंख्य युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. बिटिया को पुनः बधाई. जय छत्तीसगढ़.
16 सितंबर को ज्वाइनिंग हुई थी. तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद मेरी नौकरी शुरू हुई है. मेरा मानना है कि सक्सेस की सबसे बड़ी चाबी आपकी मेहनत होती है. संघर्ष की बात करूं तो मेरा मन शुरू से ही पढ़ाई में था. मेरे पिता उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाए थे. उन्होंने मुझे प्रेरित किया.’ वीणा 5 बहने हैं जिसमे वह दूसरे नंबर की है. वीणा कहती है कि लकड़ियों को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए. वीणा की बहनें भी पुलिस, वन रक्षक अन्य भर्तियों की तैयारियां कर रही हैं.